रायपुर। छत्तीसगढ़ में आइपीएल क्रिकेट सट्टा चलाने के लिए कुख्यात महादेव एप का कारोबार फिर से रायपुर समेत पूरे सूबे में फैल गया है। इस नेटवर्क से जुड़े दो बड़े कबाड़ी कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटे है। पुलिस इस कबाड़ी की तलाश कर रही है। सूत्रों का दावा हैं कि दोनों प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कबाड़ के धंधे से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक बेमेतरा जिले से दूसरा राजधानी से ही ताल्लुक रखता हैं। हालांकि दोनों का डेरा रायपुर में ही बना हुआ हैं।
पुलिस के जानकार सूत्रों की माने तो यह दोनों ही रायपुर सहित पुरे प्रदेश में महादेव एप की आईडी का सौदा करते है। उसके कहने पर ही बुकियों और खाइवाल को आईडी दिया जाता है और बंद किया जाता है। दोनों कबाड़ी के छत्तीसगढ़ आते ही फिर से महादेव एप नेटवर्क से जुड़े सटोरिए सक्रिय हो गए है।इधर पुलिस ने भी क्रिकेट सट्टा खेलने और खिलाने वालों पर कार्रवाई तेज कर कर दी है,हालांकि अब तक पकड़े गए सटोरिए दूसरे सट्टेबाजों के नेटवर्क से जुड़े हैं। पुलिस मुखबिरों के जरिये इन तक पहुँचने की कोशिश में लगी हैं।
सूत्रों ने बताया कि रायपुर समेत दुर्ग-भिलाई, बेमेतरा, बिलासपुर, तिल्दा-नेवरा, भाटापारा, महासमुंद, धमतरी, रायगढ़, अंबिकापुर, जगलदपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम आदि शहरों में महादेव, अरुण सक्ती की आईडी से रोज करोड़ों का क्रिकेट सट्टे का कारोबार चलने की जानकारी मिली है। इन दोनों एप से जुड़े कई बड़े खाईवाल और बुकी राजधानी में भूमिगत हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
बता दें कि जैसे ही आइपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट शुरू हुआ वैसे ही आनलाइन सट्टे का कारोबार बढ़ा है। जानकारों की माने तो पिछले साल की अपेक्षा आनलाइन क्रिकेट सट्टा खेलने वालों की संख्या भी बढ़ी है। यही वजह है कि कई महादेव, बैटमेन, अरुण सक्ती आदि एप की आइडी लेकर सटोरिए मोबाइल व लैपटाप पर करोड़ों का सट्टा बुकिंग ले रहे है।
पुलिस के मुताबिक जिस कबाड़ी की तलाश है वह मौदहापारा इलाके का रहने वाला है। दूसरा जो बेमेतरा जिले से ताल्लुक रखता हैं वह दीनदयाल उपाध्याय नगर इलाके का रहने वाला हैं। ये दोनों ही पिछले महीने दुबई गए थे। वहां करीब दस से पंद्रह दिन रहने के बाद शहर लौटते ही महादेव एप का आइडी देकर करोड़ो के सट्टे का दांव लगवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एप से सट्टे के कारोबार को बढ़ाने के लिए इन कबाड़ियों को दुबई में मोटी रकम दी गई है। वहीं विधानसभा इलाके के एक रेस्टोरेंट संचालक का नाम भी सामने आया है। उसके बैक खाते में लाखों रूपये ट्रांसफर किए गए है। बहरहाल राजधानी पुलिस एप से चल रहे सट्टे के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए मुस्तैदी से लगी हैं। बावजूद इसके अभी तक बड़ी सफलता नहीं मिल पाना भी कहीं न कहीं कबाड़ियों के प्रभावी होने के साथ साथ मजबूत नेटवर्क बनाकर रखने की तरफ इंगित करता हैं।