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राजधानी की फ़िज़ा में जहर घोल रहे उद्योग : ESP महीनों से बंद, 128 उद्योगों को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने जारी किया नोटिस

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे औद्योगिक क्षेत्र में 100 से भी ज्यादा उद्योग हवा में लगातार जहर घोल रहे हैं। समय समय पर जनप्रतिनिधियों ने आवाज़ भी उठाई हैं पर उद्योग प्रबंधनों को कोई असर होता दिखता नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक़ लगभग 128 उद्योगों के खिलाफ हवा में जहर घोलने यानि प्रदूषण फैलाने की शिकायत मिली है। शिकायत के बाद आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इन उद्योगों में टीम भेजी, जिसमें कई उद्योगों में स्थिति सामान्य पाई गई, वहीं 40 प्रतिशत उद्योगों में खामियां मिली। विभाग ने अलग-अलग उद्योगों को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की अनुंशसा की है। इसके बाद भी उद्योगों की चिमनियां काला धुंआ उगल रही हैं।

बताया जा रहा हैं कि जांच के दौरान जो खामियां मिली है। इनमें ईएसपी के बंद पाए जाने से लेकर प्रदूषण के विभिन्न् मानकों का उल्लंघन पाया गया। पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों के मुताबिक इनमें से 70 उद्योगों में जांच के दौरान स्थिति सामान्य पाई गई। मतलब एक तरह से उन्हें क्लीन चिट हैं।

यहीं नहीं इनमें से लगभग 12 उद्योगों के बिजली काटने की कार्रवाई की अनुशंसा की गई, जिसमें उद्योगों ने बिजली काटे जाने की प्रक्रिया के बाद प्रदूषण के मानकों में सुधार किया। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कार्रवाई की है। यह कार्यवाई समय समय पर पर्यावरण मंडल करता रहता हैं।

पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों को चेतावनी जारी की गई है कि नियमों का पालन किया जाए। जिन उद्योगों ने नियमों का उल्लंघन किया है। उनमें कई इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट भी शामिल हैं। इन उद्योगों को तीन महीने के भीतर सिस्टम ठीक करने के बाद ही ईएसपी चालू करने व मेंटेनेंस रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। तीन माह बाद फिर से छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल इसकी समीक्षा करेगा।

रायपुर जिले के आस-पास जिन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हुए हैं, वहां आस-पास घनी बसाहट हो चुकी है। सिलतरा, उरला, सरोरा,बिरगांव, भनपुरी, मंदिर हसौद, तिल्दा आदि क्षेत्रों में कमोबेश यही स्थिति है। उद्योग विभाग के सामने नए उद्योगों के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र का चयन बड़ी चुनौती साबित हो रही है। ऐसे में आये दिन प्रदूषण का मामला तूल पकड़ता जा रहा हैं।

बहरहाल मामला बेहद गंभीर और आम जनमानस के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ हैं इसलिए इस पर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को ठोस कार्यवाई करनी चाहिए, अन्यथा ये उद्योग जहर उगलना जारी रखेंगे।

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