इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला: 11 अगस्त को कोर्ट में पेश करने का आदेश, कोतवाली पुलिस ने 44 उद्योगपति को जारी किया नोटिस
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला मामले में शनिवार 5 अगस्त को न्यायाधीश भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट में सुनवाई की गई। इस दौरान छत्तीसगढ़ शासन के उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने उपस्थित होकर कोर्ट को बताया कि घोटाले से जुड़े आरोपित कोर्ट की पेशी में नहीं आ रहे हैं। इस पर न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए सभी आरोपितों को 11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
छत्तीसगढ़ शासन के उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पत्रकारों को बताया कि इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में हुए करोड़ों के घोटाला मामले की जांच चल रही है। जल्द ही इस घोटाले से जुड़े लोगों के नाम सामने आ जायेगें। कोर्ट में हमने पूरे घोटाले से जुड़े तथ्यों की जानकारी दी है लेकिन अभी तक घोटाला करने वालों के नाम कोर्ट को भी नहीं बताए है। आने वाले समय में इसकी जानकारी दी जायेगी।
बता दें कि कोतवाली पुलिस ने 44 उद्योगपति, कारोबारी और राजनेता को नोटिस जारी किया है। सभी को पूछताछ के लिए कोतवाली थाना बुलाया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के अलावा महाराष्ट्र के चार उद्योगपति शामिल हैं, जिनके खाते में घोटाले का पैसा जमा हुआ है। पुलिस अफसरों के अनुसार इंदिरा बैंक से निकाला गया पैसा अलग-अलग खातों में जमा किया गया है। ऐसी 16 कंपनियां जांच के दायरे में है।
गौरतलब है कि वर्ष 2006 में राजधानी स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक में 54 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था। कोतवाली पुलिस ने बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट कराया था। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई प्रभावशाली नेताओं का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी। यह आम लोगों से जुड़ी करोड़ों की धनराशि का मामला है। राज्य सरकार की अपील पर इस प्रकरण में रायपुर न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ने जांच की अनुमति दे दी है। 10 अभियुक्तों के अलावा पालिग्राफिक टेस्ट, ब्रैन मैपिंग और नार्को टेस्ट के आधार पर जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनसे से कोतवाली पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।