रायपुर। बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच तेज हो गयी है। बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा के साथ सोमवार को पुलिस ने लंबी पूछताछ की। कोतवाली पुलिस ने प्रियदर्शनी बैंक घोटाले को लेकर उमेश सिन्हा को तलब किया था। उमेश सिन्हा से पुलिस ने काफी लंबी पूछताछ की। आज भी उमेश सहित कुछ और लोगों से पूछताछ हो सकती है।
आपको बता दें कि उमेश सिन्हा वही है, जिसका नार्को टेस्ट का सीडी सोशल मीडिया में भी काफी वायरल हुआ था, जिसमें वो तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह सहित कई मंत्रियों को पैसे देनें की बात कह रहा था। मंगलवार को पूछताछ के लिए फिर बुलाया गया है। पूछताछ में उमेश द्वारा पूर्व में दिए गए बयान के साथ उस समय की जांच में छूटे अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की गई।
जानकारी के मुताबिक पहली बार जांच इस दिशा में आगे बढ़ेगी कि आखिर पैसे गए तो गए कहां। वर्ष 2006 में राजधानी स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक में करोड़ों रुपये का घोटाला की बात सामने आई। कोतवाली पुलिस ने मैनेजर का नार्को टेस्ट कराया था। नार्को टेस्ट में मैनेजर ने कई प्रभावशाली लोगों का नाम लेकर उन्हें पैसे देने की बात की थी।
पुलिस ने उमेश से बैंक में जमा रकम और बंद करने की वजह पूछी। इसके बाद प्रापर्टी को लेकर पूछताछ की गई। उमेश सिंहा ने बैंक मैनेजर के पद में रहते हुए और उसके पहले की प्रापर्टी के बारे में पूछताछ की गई। इसके अलावा रकम का गबन कहां-कहां किया गया। किसे कितने पैसे दिए गए। वहीं यह भी पूछा गया कि उसने कार्यकाल के दौरान कितने लोगों को लोन दिया, इस संबंध में पूछताछ की। पुलिस ने लोन लेने वालों से बैंक में सिक्यूरिटी के तौर पर क्या दिया था और कितने लोगों ने लोन की राशि अदा की, लोन की राशि अदा करने वालों ने कब-कब ब्याज की राशि अदा की है इस संबंध में पूछताछ की।