कभी भारतीयों को कहा था मुफ्तखोर, आज उन्‍हीं के कब्‍जे में आया चर्चिल का लंदन वाला वॉर ऑफिस

लंदन: सन् 1947 में जब अंग्रेज भारत को आजाद करने की तैयारी कर रहे थे तो उस समय ब्रिटिश राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री विंस्‍टन चर्चिल ने कई विवादित टिप्‍पणियां की थीं। चर्चिल ने भारतीयों को दुष्‍ट और मुफ्तखोर तक बताया था। अब विधि का विधान देखिए कि 78 साल बाद इन्‍हीं ‘मुफ्तखोर’ भारतीयों ने चर्चिल की आखिरी निशानी को भी मिटाने की तैयारी कर ली है। चर्च‍िल जो भारतीयों की आजादी के सख्‍त खिलाफ थे, उनका वॉर ऑफिस अब एक लग्‍जरी होटल बनने जा रहा है। इस होटल का मालिक कोई और नहीं बल्कि भारत का हिंदुजा ग्रुप है।

26 सितंबर से खुलेगा होटल

वॉर ऑफिस को लग्‍जरी होटल के तौर पर 26 सितंबर से खोल दिया जाएगा। यह वॉर ऑफिस सन् 1906 में बना था। द्वितीय विश्‍व युद्ध के समय जब चर्चिल यूके के पीएम थे तो यहीं पर बैठकर रणनीतियां बनाते थे। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्‍ट विलियम यंग ने डिजाइन किया था। इसमें कई बार बदलाव हुए हैं। यह ऑफिस कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है। ये सभी घटनाक्रम चर्चिल और डेविड लॉयड जॉर्ज जैसे प्रभावशाली राजनीतिक और सैन्य शासकों के दौर में हुईं। इस वॉर ऑफिस की बिल्डिंग को जेम्स बॉन्ड की फिल्‍मों के अलावा हाल ही में ‘द क्राउन’ नेटफ्लिक्स सीरीज में भी दिखाया जा चुका है। वॉर ऑफिस की शुरुआत वॉर कांउसिल की मंजूरी के बाद हुई थी। इस काउंसिल में राजा और उनके सीनियर आर्मी कमांडर शामिल थे। यह काउंसिल इंग्लैंड साम्राज्य के युद्धों और अभियानों की जिम्‍मेदारी संभालता था।

चर्चिल के वॉर रूम

चर्चिल का वॉर ऑफिस लंदन के मशहूर टूरिस्‍ट प्‍लेसेज में से एक है। यह वॉर ऑफिस, ब्रिटिश सरकार का एक ऐसा विभाग था जिस पर सन् 1857 से लेकर 1964 तक ब्रिटिश सेना के प्रशासन की जिम्‍मेदारी थी। इसके बाद इसके कामों को नए बने रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया। यह सेंट्रल लंदन के हॉर्स गार्ड्स एवेन्‍यू और व्‍हाइट हॉल के बीच स्थित है। इस ऐतिहासिक इमारत को एक मार्च 2016 को यूके की सरकार की तरफ से एक लग्‍जरी होटल और रेजीडेंशियल अपार्टमेंट में बदलने के लिए 250 साल की लीज पर 350 मिलियन पौंड से ज्‍यादा में बेच दिया गया था।

पीएम का सीक्रेट बंकर

कहा जाता है कि इसी वॉर ऑफिस के अंडरग्राउंड बंकरों में ब्रिटिश नेताओं ने द्वितीय विश्‍व युद्ध में जीत के लिए सीक्रेट रास्‍ता बनाया था। जिस समय युद्ध चल रहा था उस समय चर्चिल वॉर रूम का प्रयोग अपने कैबिनेट के साथ मीटिंग के लिए करते थे। चर्चिल ने युद्ध के दौरान 115 बार मीटिंग्‍स कीं। 16 अगस्‍त 1945 को जब अमेरिका ने परमाणु हमला किया तो 24 घंटे तक मीटिंग्‍स हुई थीं। कमरा नंबर 60 में स्विचबोर्ड ऑपरेटर और टाइपिस्ट जो सभी महिलाएं थीं कई दिन-रात अंडरग्राउंड ही रहते थे। यहां तक कि सोते भी वहीं पर थे।

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