एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में चीन से हारी भारतीय महिला हॉकी टीम, अब कांस्य पदक के लिए खेलेगी
हांगझोऊ : एशियाई खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम सेमीफाइनल में मेजबान चीन के खिलाफ हार गई। चीन ने मैच को 4-0 के अंतर से अपने नाम किया। इस हार के साथ ही टीम इंडिया का लगातार दूसरी बार एशियाड के फाइनल में पहुंचने का सपना भी टूट गया। पिछली बार 2018 में जकार्ता एशियाई खेलों के दौरान खिताबी मुकाबले में जापान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय महिला टीम 1982 के बाद से स्वर्ण पदक नहीं जीत पाई है। अब उसका इंतजार और बढ़ गया है। 1998 में टीम इंडिया को दक्षिण कोरिया के खिलाफ फाइनल में हार मिली थी।
चीन के लिए पहला गोल जियाकी झोंग जियाकी और दूसरा गोल झोऊ मेइरोंग ने किया। तीसरा गोल उसके लिए लियांग मेइयू और चौथा गोल गू बिंगफेंग ने दागा। अब भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए खेलेगी। सात अक्तूबर को उसका मुकाबला जापान या दक्षिण कोरिया से होगा।
चीन के खिलाफ भारत की 10वीं हार
चीन के खिलाफ महिला हॉकी में भारत की यह 10वीं हार है। दोनों के बीच यह 23वां मुकाबला था। टीम इंडिया ने 11 मैच जीते हैं, लेकिन आज वह सफलता हासिल नहीं कर सकी। दोनों टीमों के बीच अब तक दो मैच ड्रॉ हुए हैं।
ग्रुप दौर में एक भी मैच नहीं हारी थी टीम
ग्रुप दौर में भारतीय महिला टीम ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया था। उसने पहले मैच में सिंगापुर को 13-0 से हराया था। उसके बाद मलयेशिया के खिलाफ 6-0 से जीत हासिल की थी। दक्षिण कोरिया के खिलाफ तीसरा मैच 1-1 से ड्रॉ रहा था। इसके बाद हॉन्ग कॉन्ग पर 13-0 की बड़ी जीत हासिल की थी। भारतीय महिला टीम ने ग्रुप दौर में 33 गोल किए थे। उसके खिलाफ सिर्फ एक गोल हुआ था। टीम ग्रुप दौर में एक भी मैच नहीं हारी थी। वह सेमीफाइनल में इस क्रम को बरकरार नहीं रख पाई।