गोवा के समुद्री तट के पास भारतीय नौसेना की स्कॉर्पीन कैटेगरी की (Scorpene-Class Submarines) सबमरीन और मछली पकड़ने वाली नाव (फिशिंग बोट) मारथोमा के बीच टक्कर हो गई। इस बोट में 13 मछुआरे सवार थे। यह हादसा गोवा कोस्ट से करीब 70 समुद्री मील दूर हुआ। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नौसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 11 मछुआरों को बचा लिया है, लेकिन 2 अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है।
नेवी का रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
सबमरीन हादसे के बाद नौसेना ने बचाव कार्य के लिए 6 जहाज और विमानों को तैनात किया है। मुंबई स्थित मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर (MRCC) के साथ को-ऑर्डिनेशन कर लापता मछुआरों की तलाश की जा रही है। तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड्स) और अन्य संसाधनों को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया है। उधर, रक्षा मंत्रालय ने टक्कर के कारणों की जांच के आदेश दिए।
स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खासियतें
भारतीय नौसेना के लिए स्कॉर्पीन कैटेगरी की पनडुब्बियां सामरिक दृष्टि से बेहद अहम हैं। ये पनडुब्बियां सतह और समुद्र के नीचे दुश्मन पर सटीक हमला करने में सक्षम है। इन पनडुब्बियों में एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे साइलेंसिंग सिस्टम और हाइड्रो-डायनामिक डिजाइन का शामिल किया गया है। ये टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइलों की सहायता से सतह और पानी के अंदर से दुश्मन पर खतरनाक हमला करने जैसी बेहतर स्टील्थ विशेषताओं के साथ तैयार की गई हैं।