भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की ईरान यात्रा और पाकिस्तान पर हो गया मिसाइल हमला, संयोग या बड़ा संदेश?

इस्लामाबाद: रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जैसे दो बड़े युद्ध दुनिया में चल रहे हैं। इसी बीच भारतीय उपमहाद्वीप में एक और तनाव ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्तान के अंदर मिसाइल दागे हैं। पाकिस्तान के अंदर बलूच आतंकी समूह जैश अल-अदल के मुख्यालय पर ईरान ने ड्रोन और मिसाइल से सटीक हमला किया है। इस हमले ने दोनों इस्लामी देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। साथ ही एक बार फिर साबित हो गया है कि पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम बेहद कमजोर है।
हालांकि यह हमला तब हुआ है, जब भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने ईरान की यात्रा की थी। विदेश मंत्री जयशंकर की यात्रा और फिर ईरान के हमले को आपस में जोड़ा जा रहा है। भारत के पाकिस्तान से खराब संबंध हैं और ऐसे में यह हमले एक संयोग हैं। इस घटना का समय राजनयिक जुड़ाव, क्षेत्रीय सुरक्षा चिंता और पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को लेकर सवाल उठाते हैं। पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंक से भारत भी परेशान है। विदेश मंत्री जयशंकर की चर्चा में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह परियोजना से लेकर समुद्री सुरक्षा और खाड़ी में बढ़ते खतरे समेत कई मुद्दे शामिल रहे।
आतंकियों को पाल रहा पाकिस्तान
बातचीत के दौरान उन्होंने हिंद महासागर में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा पर जोर दिया। कुछ दिनों पहले भारत आ रहे एक जहाज पर ड्रोन से हमला हुआ था, इस कारण भारत को अपने जहाजों की चिंता है। ईरान की एयर स्ट्राइक दिखाता है कि पाकिस्तान अपनी सीमा में आतंकियों को पनाह देता है। पाकिस्तान आतंकियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह है। ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकियों को यहां शरण मिली हुई थी, जिसे दुनिया नजरअंदाज नहीं कर सकती। ईरान की यह प्रतिक्रिया आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों की संवेदनशीलता को दिखाती है।