India USA: ’21वीं सदी के लिए निर्णायक होंगे भारत अमेरिका संबंध’

वॉशिंगटन : अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद का कहना है कि लोकतंत्र, तकनीकी विकास और मजबूत आर्थिक व्यवस्था के लिए भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने ये भी कहा कि चीन से निपटने के लिए भी दोनों देशों के संबंध अहम होंगे। अमेरिका के वरिष्ठ सांसद चक शूमर ने भारत को दुनिया की प्रमुख ताकत बताते हुए चीन की तानाशाही से निपटने के लिए अमेरिका और भारत को साथ आने की जरूरत पर बल दिया।

बता दें कि अमेरिका के सांसदों का एक दल इन दिनों भारत दौरे पर आया हुआ है। इस दल का नेतृत्व अमेरिका के वरिष्ठ सांसद चक शूमर कर रहे हैं। अमेरिकी सांसदों के इस दल ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में अहम तकनीक, अक्षय ऊर्जा पर निर्भरता, सप्लाई चेन और साथ मिलकर उत्पादन जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। शूमर ने एक बयान में कहा कि हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत जैसे देशों की जरूरत है, जिनके साथ मिलकर हम एशिया और पूरी दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

चक शूमर ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद कहा कि बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने पर बातचीत हुई, ताकि चीन की चुनौती से निपटा जा सके। दोनों देशों के संबंध लोकतंत्र, वैश्विक अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बेहद अहम हैं। अमेरिकी सांसदों के दल में चक शूमर के अलावा रॉन विडेन, जैक रीड, मारिया कैंटवेल, एमी कलोबुचर, मार्क वार्नर, गैरी पीटर्स , कैथरीन कोर्टेज मास्तो और पीटर वेल्च शामिल हैं। ये सभी सांसद अमेरिका की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित हैं।

अमरीकी सांसद ने कहा,  चीन से निपटने के लिए साथ जरूरी

शूमर ने कहा कि चीन से निपटने के लिए भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी, जलवायु परिवर्तन, व्यापार बढ़ाने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई। शूमर ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, आधुनिक तकनीकी विकासके क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग से अगली सदी में भारत और अमेरिका को फायदा मिल सकता है और 21वीं सदी हमारी हो सकती है।

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