नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी हिंद प्रशांत महासागर के देश पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर हैं। वहां उन्होंने FIPIC के तीसरे सम्मेलन में हिस्सा लिया। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद प्रशांत महासागर के देशों के लिए 12 सूत्री एक्शन प्लान का एलान किया। इस एक्शन प्लान के तहत बताया गया कि भारत सरकार हिंद प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों की क्या मदद करने वाली है। बता दें कि हिंद प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए भारत हिंद प्रशांत देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहा है। पीएम मोदी का यह दौरा भी उसी रणनीति का हिस्सा है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों को भारत देगा ये तोहफे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद प्रशांत देशों के लिए 12 सूत्री एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके तहत भारत सरकार फिजी में एक 100 बेड के अस्पताल का निर्माण कराएगी।
पापुआ न्यू गिनी में एक आईटी और साइबर सिक्योरिटी ट्रेनिंग हब बनाया जाएगा।
अगले पांच सालों में सागर अमृत स्कॉलरशिप के तहत 1000 स्कॉलरशिप दी जाएंगी।
2023 में पापुआ न्यू गिनी में जयपुर फुट कैंप आयोजित किया गया था। अब हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के अन्य देशों में भी हर साल ऐसे दो कैंप आयोजित किए जाएंगे।
FIPIC SME डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी, जिसमें हिंद प्रशांत देशों में छोटे और मझोले उद्योगों को स्थापित करने में मदद की जाएगी।
अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हिंद प्रशांत देशों की सरकारी इमारतों पर सोलर प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे।
पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार हिंद प्रशांत देशों में डीसेलिनेशन यूनिट स्थापित की जाएंगी।
समुद्र में चलने वाली एंबुलेंस की सप्लाई की जाएगी।
हिंद प्रशांत देशों के विभिन्न अस्पतालों में डायलिसिस यूनिट स्थापित की जाएंगी।
24X7 इमरजेंसी हेल्पलाइन स्थापित की जाएंगी।
हिंद प्रशांत देशों में भारत जन औषधि केंद्र स्थापित करेगा।
साथ ही हिंद प्रशांत देशों में योगा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिए अहम
FIPIC की बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि पीएम मोदी और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने सफलतापूर्वक FIPIC की बैठक का आयोजन किया। पीएम मोदी ने हिंद प्रशांत देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए 12 सूत्री एक्शन प्लान का एलान किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हिंद प्रशांत के लोगों की उम्मीदों और विकास कार्यों को पूरा करेगा साथ ही इससे हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र स्थिर, मुक्त और समृद्ध बनेगा।