यूएन में दोस्त इजरायल के खिलाफ भारत, गाजा में युद्धविराम के पक्ष में डाला वोट, प्रस्ताव को 153 देशों का समर्थन

न्‍यूयॉर्क: संयुक्त राष्‍ट्र (यूएन) ने मंगलवार को इजरायल-हमास युद्ध में तुरंत मानवीय युद्धविराम की मांग की है। यूएन के प्रस्‍ताव को 193 सदस्‍यों वाली महासभा के तीन-चौथाई से ज्‍यादा सदस्‍यों का समर्थन मिला है। दिलचस्‍प बात है कि भारत ने भी यूएन के सुर में सुर मिलाया है और प्रस्‍ताव के समर्थन में वोट किया। यह वही प्रस्‍ताव है जिसे पिछले दिनों सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका ने वीटो कर दिया था। सात अक्‍टूबर के बाद से ही गाजा में हालात खराब हैं। इजरायल पर हमास के आतंकी हमले के बाद वहां पर कई लोगों की मौत हो गई थी। इजरायल ने इस नरसंहार का बदला लेने की कसम खाई और उसने गाजा पर हमले शुरू कर दिए।

153 देश पक्ष में

यूएन के इस प्रस्‍ताव को अरब देशों का समर्थन हासिल है। भारत ने भी प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की है। प्रस्‍ताव में गाजा में युद्धविराम की अपील की गई है। इसके पक्ष में 153 वोट पड़े, जबकि इसके खिलाफ सिर्फ 10 ही सदस्‍य थे तो वहीं 23 सदस्‍यों ने वोटिंग से परहेज किया है। अमेरिका के पास इस महासभा में वीटो का अधिकार नहीं है। अमेरिका ने इजरायल और आठ बाकी देशों के साथ प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।

पहले भी भारत ने किया समर्थन

प्रस्ताव को तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपनाया गया। इससे पहले भारत की तरफ से 13 नवंबर को आए एक प्रस्‍ताव पर भी इजरायल के खिलाफ वोट किया था। यूएन में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने दुनिया भर में फिलिस्तीन समर्थक बड़े विरोध प्रदर्शनों का हवाला दिया। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका इस विशाल शक्ति को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उनका कहना था कि जब तक इस आक्रामकता को समाप्त नहीं किया जाता, तब इस रास्ते पर सबको मिलकर चलना होगा।

सुरक्षा परिषद में अमे‍रिका का वीटो

सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने वीटो कर दिया था। उस समय तीन स्‍थायी सदस्‍यों रूस, चीन और फ्रांस ने इसके समर्थन में वोटिंग की थी। यूएनएसी में अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट वुड ने यूएन की आलोचना की थी। उन्‍होंने कहा था कि वह इजरायल में हमलों की निंदा करने में असफल रहा है। वुड ने कहा कि सैन्य कार्रवाई रोकने से हमास को गाजा पर शासन जारी रखने की मंजूरी मिल जाएगी। साथ ही यह प्रस्‍ताव सिर्फ अगले युद्ध के लिए बीज बोने का काम करेगा।

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