छत्तीसगढ़ में 15 लाख छोटे किसान तो बेच ही नहीं पाते धान, 18 प्रतिशत बड़े किसानों को 54 फीसदी भुगतान
रायपुर : छत्तीसगढ़ में जिस धान और किसान को लेकर कांग्रेस और भाजपा की राजनीति का पारा चढ़ा रहता है, उसमें चौंकाने वाले तथ्य ये हैं कि प्रदेश में पांच से 25 एकड़ या इससे अधिक तक जमीन वाले 18 प्रतिशत किसानों के खातों में ही धान खरीदी, सब्सिडी या बोनस की 54 प्रतिशत राशि पहुंच रही है। वहीं 25 एकड़ से अधिक रकबा वाले एक प्रतिशत किसानों विभिन्न योजनाओं का सात प्रतिशत लाभ मिल रहा है। शेष 82 प्रतिशत किसान पांच एकड़ से कम रकबे वाले हैं, जिनके हिस्से में महज 46 प्रतिशत आ रहा है।
राज्य सरकार की ओर से कराए गए छत्तीसगढ़ राज्य में काश्त का रकबा और संख्या की कृषि जनगणना के अंतिम सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में कुल किसानों की संख्या 40 लाख 10 हजार 772 है। इनमें 24 लाख 34 हजार 321 किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमीन हैं।कर्ज माफी, सब्सिडी, बोनस को लेकर होने वाली सियासत का सबसे ज्यादा फायदा प्रदेश के नेताओं, अधिकारियों व जमींदारों को मिल रहा है। वर्तमान में किसानों को ढाई एकड़ सिंचित रकबे पर 58 हजार और असिंचित रकबे पर 44 हजार रुपये की दर से कर्ज लेने की पात्रता है। इस वर्ष 24 लाख किसानों ने 6,900 करोड़ रुपये कर्ज उठळाया है। इससे समझा जा सकता है कि कर्ज माफी से बड़े किसानों को कितना फायदा होता होगा।
बता दें कि प्रदेश में भूपेश सरकार राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ नौ हजार इनपुट सब्सिडी दे रही है। वर्तमान में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,183 रुपये है। इसके अलावा प्रति क्विंटल न्याय योजना से 600 रुपये दिया जाता है। अभी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान 3,200 रुपये क्विंटल की दर से खरीदी की घोषणा की है, वहीं भाजपा ने 3,100 रुपये क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल और दो साल का बकाया बोनस देने का वादा किया है।
धान खरीदी पर खर्च होगा राज्य बजट का 35 प्रतिशत हिस्सा
घोषणा पर अमल करने के लिए कांग्रेस को प्रति क्विंटल अंतर की राशि 1,016 देना होगा। कांग्रेस 20 क्विंटल के लिए प्रति किसान 64,000 रुपये देगी तो भाजपा 21 क्विंटल के लिए 65,100 रुपये अतिरिक्त राशि देगी। दोनों में से कोई भी सरकार बनने पर अकेले धान खरीदी पर करीब 45 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में अनुपूरक को मिलाकर राज्य का बजट 1.27 लाख करोड़ का है। ऐसे में राज्य के कुल बजट का करीब 35 प्रतिशत हिस्सा केवल धान खरीदी में ही खर्च हो जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 में 30,000 करोड़ रुपये धान खरीदी के एवज में कुल भुगतान होने का अनुमान है।