रायपुर। मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व है। इस त्योहार को संपूर्ण भारत में भिन्न भिन्न रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव, श्रीहरि विष्णु, माता लक्ष्मी, श्रीकृष्ण, श्रीराधा और शनिदेव की पूजा का महत्व है। आओ जानते हैं कि इस महोत्सव के दिन कौनसे ऐसे कार्य किए जाते हैं जिससे व्यक्ति के सभी संकट दूर होकर उसका संपूर्ण वर्ष शुभ होता है।
1. सूर्य आराधना : इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है। इस दिन से दिन धीरे-धीरे बड़ा होने लगता है और रातें छोटी। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने का महत्व है।
2. नदी स्नान: माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे, इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। इस दिन गंगासागर (पश्चिम बंगाल) में मेला भी लगता है।
3. दान : इस दिन तिल गुड़ या रेवड़ी का दान किया जाता है। इस दिन गरीबों को या जरूरत मंदों को दान देने से पुण्य हजार गुना हो जाता है।
4. गाय को चारा डालना : इस दिन विशेष तौर पर गायों को हरा चारा खिलाया जाता है।
5. पतंग महोत्सव : यह पर्व ‘पतंग महोत्सव’ के नाम से भी जाना जाता है। पतंग उड़ाने के पीछे मुख्य कारण है कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना।
6. धूप सेंकना : यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। अत: उत्सव के साथ ही सेहत का भी लाभ मिलता है।
7. तिल गुड़ खाना : सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम होने के कारण शरीर में रोग और बीमारियां जल्दी लगती हैं इसलिए इस दिन गुड़ और तिल से बने मिष्ठान्न या पकवान बनाए, खाए और बांटे जाते हैं। इनमें गर्मी पैदा करने वाले तत्वों के साथ ही शरीर के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी होते हैं।
8. खिचड़ी का भोग : उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद भी बांटा जाता है।
9. खेत-अनाज, पशु पूजा : इस दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है और यह पर्व
संपूर्ण अखंड भारत में फसलों के आगमन की खुशी के रूप में मनाया जाता है। खरीफ की
फसलें कट चुकी होती हैं और खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही होती हैं। खेत में सरसों
के फूल मनमोहक लगते हैं। इस दिन किसान अपने पशुओं की पूजा भी करते हैं।
10. विष्णु लक्ष्मी पूजा : इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करने के भी महत्व है। इस दिन उनकी माता लक्ष्मी के साथ पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है।