इस्लामाबाद: अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम तीर्थस्थलों पर जाने की सोशल मीडिया में जमकर चर्चा हो रही है। पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए लगातार व्रत रख रहे हैं। पीएम मोदी के इस रामभक्ति की दुनियाभर में काफी चर्चा है, वहीं पाकिस्तानी विशेषज्ञ भी इसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं।
पाकिस्तानी विश्लेषक कमर चीमा कहते हैं कि अगर सऊदी प्रिंस मक्का जा सकते हैं, पाकिस्तानी पीएम मस्जिद जा सकते हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शपथ लेने से पहले चर्च जा सकते हैं तो पीएम मोदी की भक्ति और उनके अयोध्या जाने पर क्यों हायतौबा हो रही है। कमर चीमा ने पीएम मोदी की भक्ति की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है।
कमर चीमा ने कहा कि यह पीएम मोदी का निजी हक है कि वह हिंदू धर्म को मानें। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह देखना चाहिए कि पीएम मोदी उनके खिलाफ क्या कर रहे हैं और हमारे पक्ष में क्या कर रहे हैं। अगर मोदी पाकिस्तान के खिलाफ कर रहे हैं तो हमें अपनी चीजों को उस हिसाब से व्यवस्थित करना चाहिए न कि पीएम मोदी के धर्म की आलोचना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इसे अपने राष्ट्रीय हित के हिसाब से देखना चाहिए। हमें अपने मजहब पर काम करना चाहिए, उन्हें अपने धर्म पर काम करना चाहिए। कमर ने कहा कि यह अगर भारत के प्रधानमंत्री कर रहे हैं तो वह उनका अपना हित है।
‘भारत को अपना रही दुनिया, निंदा न करें पाकिस्तानी’
पाकिस्तानी विश्लेषक ने अपनी सरकार और लोगों को सलाह दी कि हमें भारत के कश्मीर में उठाए कदम की आलोचना करनी चाहिए। आज भारत की एक बड़ी तादाद में जनता पीएम मोदी का समर्थन कर रही है तो हमें इससे कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। कमर चीमा ने कहा कि जो बाइडन, इमैनुअल मैक्रां, सऊदी प्रिंस, चीन का राष्ट्रपति सभी भारत के साथ अच्छे रिश्ते करके बैठे हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें पता है कि भारत उनके लिए कितना महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानियों को यह समझना चाहिए कि उन्हें आलोचना करने से कोई फायदा नहीं होगा।
पीएम मोदी की तारीफ, भारतीय मुस्लिमों को नसीहत
चीमा ने कहा कि पीएम मोदी भारत में बहुत लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। वह तीसरी बार सत्ता में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने अयोध्या को विकास से भी जोड़ दिया है। पाकिस्तानियों को इससे दिक्कत नहीं होना चाहिए। भारत में 15 फीसदी मुस्लिम हैं लेकिन 85 प्रतिशत तो हिंदू हैं, हमें उनका भी सम्मान करना चाहिए। उन्होंने माना कि पाकिस्तान में किस तरह से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है। भारतीय यह सवाल उठाते हैं कि क्यों पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी घटी है। आप इस सवाल को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। यह बिल्कुल सही सवाल है।