भूपेश है तो भ्रष्टाचारियो को बचने का भरोषा है : अरुण साव

रायपुर: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने सीएम भूपेश बघेल पर बड़ा आरोप लगाते हुए जमकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भूपेश है, तो भ्रष्टाचारियों को बचने का भरोसा है। यह नारा भ्रष्टाचारियों के लिए है। राज्य सरकार गरीब जनता का पैसा लूटने वालों को संरक्षण दे रही है। कांग्रेस सरकार ने सबसे ज्यादा भरोसे का ही कत्ल किया है।

राज्य सरकार भी भ्रष्टाचार के मामलो में भागीदार है। जनता कांग्रेस को सबक सिखाने तैयार है। साव ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय एकात्म परिसर में आज रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम भूपेश बघेल पर कई गंभीर आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार, पिछले दिनों ईडी ने प्रदेश सरकार को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई समेत सीएम बघेल के करीबी अफसरों पर कार्रवाई करने को कहा है।  गंभीर आरोपों में जेल में बंद सौम्या चौरसिया अभी भी मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव हैं। सीएमओ छत्तीसगढ़ की वेबसाइट पर देखें, तो उसमे सौम्या उप सचिव हैं।

‘भूपेश को सता रहा राज खुलने का डर’

वहीं शासकीय सूत्रों के हवाले से बहुत पहले ही प्रकाशित किया गया था कि सौम्या और विश्नोई समेत सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। आज ईडी को कारवाई के लिए पत्र लिखना पड़ रहा है, लेकिन ऐसी क्या मजबूरी है कि भूपेश आरोपियों को निलंबित करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं, ऐसी क्या राजदारी है जिसके खुल जाने का डर है सीएम को सता रहा है।

‘…तो फिर सीएम ने विश्वासघात और संविधान का उल्लंघन किया है’

उन्होंने सीएम से सवाल करते हुए पूछा कि वो स्पष्ट करें कि सौम्या चौरसिया को निलंबित किया गया है या वह आज भी अपने पद पर बनी हुई हैं। जैसा कि सीएमओ के पोर्टल में दिख रहा है? अगर वह आज भी इस पद पर बनी हुई हैं और शासकीय सूत्रों से यह छप रहा था कि आरोपियों को सस्पेंड कर दिया गया है तो यह सीधे तौर पर ब्रीच ऑफ ट्रस्ट’ है। कांग्रेस सरकार ने ‘ट्रस्ट डेफिसिट पैदा किया है। मुख्यमंत्री ने  विश्वासघात और संविधान के लिए गए ‘शपथ’ का उल्लंघन किया है।

साव ने सीएम पर दागे सवाल

सीएम बताएं कि ईडी / आईटी/सीबीआई की कार्रवाई से जेल में बंद आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभी तक क्या-क्या कारवाई हुई है। अगर नहीं किया है कारवाई तो क्यों नहीं किया ? देश भर में छत्तीसगढ़ की बदनामी कराने वाले इन मामलों में क्या-क्या कारवाई की, कितने एसआईटी गठन किए?

ईडी पर झूठ बोल रही कांग्रेस : अरुण साव

साव ने कहा कि ईडी के  यूपीए के कार्यकाल में 5 हजार करोड़ जब्त हुए थे, जबकि एनडीए के शासन में 1 लाख 10 हजार करोड़ वसूले गए हैं। उसमें से 5% भी पॉलिटिकल लोगों का नहीं है। यह आरोप लगाना गलत है कि ईडी केवल विपक्ष पर कारवाई करती है। मनी लॉडिंग के तहत अभी कुल 5,906 मामले दर्ज हैं, जिनमें महज 176 यानी मात्र 2.98 प्रतिशत मामले राजनीति से जुड़े लोगों के खिलाफ हैं। केवल 97.02 प्रतिशत मामले ऐसे हैं जिसका नेताओं से संबंध नहीं है।

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