‘मुझे संसद में बोलने की अनुमति नहीं…क्योंकि मैं’, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- जाति को हर मुद्दे में घसीटना ठीक नहीं

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल पर बुधवार को राज्यसभा के अंदर और बाहर दोनों ही जगह घमासान दिखा। सांसदों के निलंबन के खिलाफ संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी द्वारा उपराष्ट्रपति धनखड़ का उपहास बनाया गया। कल्याण बनर्जी द्वारा मिमिक्री करने के बाद मंगलवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया, जिसकी सत्तारूढ़ भाजपा ने कड़ी निंदा की।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि जब उन्हें राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है तो क्या उन्हें भी जाति का मुद्दा उठाना चाहिए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल पर विवाद के बीच उन्होंने कहा, “जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटा जाना चाहिए और आश्चर्य जताया कि क्या उन्हें भी हर बार अपने दलित मूल का मुद्दा उठाना चाहिए।

क्योंकि मैं दलित हूं- मल्लिकार्जुन खरगे

पत्रकारों से बात करते हुए खरगे ने कहा कि चेयरपर्सन का काम दूसरे सदस्यों को सुरक्षा देना है लेकिन वह खुद इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे अक्सर राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। क्या मुझे यह कहना चाहिए क्योंकि मैं दलित हूं। उन्हें बाहर जाति के नाम पर अंदर बात करके लोगों को नहीं भड़काना चाहिए।”

हम अपनी जाति बताने वाला लेबल पहनकर घूमें- अधीर रंजन चौधरी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद दिन है जब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग अपनी जातियों के बारे में बात करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह का मुद्दा उठाकर संसद की सुरक्षा में सेंध के मुद्दे से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पूछा, क्या अब हर किसी को अपनी जाति बताने वाला लेबल पहनकर घूमना चाहिए?

‘सदन की गरिमा की रक्षा करना मेरा कर्तव्य’

वहीं, मिमिक्री विवाद पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “…मुझे इसकी परवाह नहीं है कि आप जगदीप धनखड़ का कितना अपमान करते हैं। लेकिन मैं भारत के उपराष्ट्रपति, किसान समुदाय, अपने समुदाय का (अपमान) बर्दाश्त नहीं कर सकता… मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा कि मैं अपने पद की गरिमा की रक्षा नहीं कर सका, इस सदन की गरिमा की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।”

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