बलौदाबाजार पुलिस की मानवीय पहल : पांच साल से गायब महिला को ढूंढ कर परिजनों से मिलवाया

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की 40 वर्षीय रंभा यादव का घर पांच वर्षों से सत्नाटे में डूबा था। मानसिक रूप से  कमजोर रंभा एक दिन अचानक घर से निकल गई और फिर कभी लौटी नहीं। पति रामायण यादव और परिवार वालों ने हर जगह खोजबीन की, चौकी करहीबाजार में गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन समय बीतता गया और उम्मीद धीरे-धीरे धुंधली पड़ने लगी।

परिवार की यही बुझती हुई आस बलौदाबाजार पुलिस ने फिर से जगाई। लगातार प्रयासों के बीच 3 अगस्त 2025 को सूचना मिली कि कोरबा के “अपना घर सेवा आश्रम’ में एक महिला का इलाज चल रहा है, जो रंभा हो सकती है। बिना समय गंवाए पुलिस टीम परिजनों को साथ लेकर कोरबा रवाना हुई। आश्रम में जैसे ही रंभा अपने पति और परिवार से मिली, पांच साल का इंतजार, तड़प और आंसू एक साथ छलक पड़े। रंभा अपनी बेटी को देख खुशियों से भर उठी, और पति रामायण का गला भर आया।

एसपी ने आगे के जीवन के लिए दी शुभकामनाएं

14 अगस्त को रंभा अपने पति के साथ पुलिस कम्युनिटी हॉल पहुंची, जहां उसकी मुलाकात पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता से हुई। रंभा ने भावुक होकर उन्हें गले लगाया और अपनी पूरी व्यथा सुनाई। एसपी ने दंपति को उनके आगे के जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस पुनर्मिलन के पीछे सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र पाटिल, प्रधान आरक्षक सत्यप्रकाश मरावी, आरक्षक हरीश जगत और यशवंत यादव के प्रयासों का बड़ा योगदान रहा। यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर खोज सच्ची नीयत से हो, तो खोई हुई उम्मीद भी एक दिन अपने घर का रास्ता ढूंढ लेती है।

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