वेदांता सिटी फेस-1 प्लाटिंग में भारी गड़बड़झाला, कालोनी विकसित करने नियमो की उड़ाई धज्जियाँ, शासन को राजस्व का पहुचाया नुकसान
वेंदांता सिटी फेस-1 आवासीय कालोनी निर्माण में रेरा व नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियो की भूमिका संदिग्घ

रायपुर : राजधानी रायपुर में आवासीय कालोनी बनाने वाले वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर की प्लाटिंग में हुए गड़बड़ी को लेकर खबरीराम. इन नित नए खुलासे कर जनहित में लगातार समाचार प्रकाशित करता आ रहा है, पिछले समाचार में वेदांता सिटी फेस-1 के कालोनाइजर ने शासकीय नाले की जमीन पर कालोनी के लिए गार्डन व शादी लान बना कर अवैध कब्ज़ा करने का खुलासा किया था | वेदांता सिटी फेस -1 के कालोनाइजर ने प्लाटिंग के दौरान कई अनियमित्ताओ को अंजाम देते हुए विभिन्न भूमि उपयोग सम्बंधित अनियमित्ताओ के साथ ही शासकीय संपत्ति का भी दुरुपयोग कर शासन को राजस्व की भारी क्षति पहुचाई है|
वेदांता सिटी फेस -1 विकसित करने में कालोनाइजर ने भारी गड़बड़ी को अंजाम दिया जिसके बाद वेदांता सिटी फेस-2 का भी विस्तार तेजी से किया जा रहा है, कालोनी के विकास में गंभीर अनियमित्ताओ के साथ ही शासन के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुचाया है | कालोनाइजर के इस कारनामे को अंजाम देने के दौरान आवासीय कालोनियों की निगरानी करने वाली रेरा व नगर व ग्राम निवेश तथा नगर निगम के अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे रहे जबकि किसी भी कालोनी के विकसित होने के पूर्व से इन तमाम विभागों के अधिकारी अपनी पैनी नज़रे गडाए रहते है मगर वेदांता सिटी फेस-1 में हुई भारी गड़बड़ी आखिर कैसे इन अधिकारियो को नहीं दिखी ? क्या अधिकारी जानबूझकर अपनी नजरे यहाँ नहीं टिकाए …ये बड़ा सवाल जिम्मेदार अधिकारियो के कर्तव्यपरायणता पर सवाल खड़ा कर रहा है|
वेदांता सिटी फेस-2 विस्तार हेतु अतिरिक्त खसरों का उपयोग केवल रास्ता बनाने के लिए
कालोनाइजर ने आवासीय कालोनी में प्लाटिंग करने के दौरान कई अनियमित्ताओ को अंजाम दिया है जिसमे नई लेआउट स्वीकृति क्रमांक 13857 दिनांक 22/10/14 के अंतर्गत कई खसरा नंबरों को सम्मिलित किया गया, परंतु इन क्षेत्रों को पूर्ण रूप से विकसित नहीं किया गया और केवल आवासीय कालोनी के फेस-2 के लिए मार्ग निर्माण में प्रयोग किया गया।
ईडब्लूएस अलॉटमेंट नहीं, गार्डन क्षेत्र भी विकसित नहीं
शासन के नियमानुसार आवासीय कालोनी में ईडब्लूएस के तहत 15 प्रतिशत प्लांट अनिवार्य रूप से आबंटन किया जाना सुनिश्चित है मगर कालोनाइजर द्वारा गरीब वर्ग (EWS) के लिए 15% अनिवार्य प्लॉट्स का आवंटन नहीं किया गया है हालाँकि आवासीय प्रोजेक्ट को पूर्णता प्रमाण पत्र मिल चुका है| कालोनी में तीन गार्डनों में से केवल एक ही पूर्ण रूप से विकसित है बाकी के दो गार्डन अभी तक विकसित नहीं किये गए है|
व्यावसायिक प्रयोग हेतु अस्पष्ट उपयोग
आवासीय कालोनी में कालोनाइजर ने खसरा क्रमांक 7/6 (नया नंबर 15009) में पूर्व लेआउट अनुसार 18 मीटर सड़क आरक्षित थी, लेकिन अब इसमें अस्पताल/नर्सिंग होम और व्यावसायिक परिसर का अभिन्यास पास कराया गया है जो कि नियमो के विपरीत है (अनुमोदन क्रमांक 3160/64 दिनांक 19/02/2018)
खसरा संवीलीकरण में विसंगति
राजस्व प्रकरण क्रमांक 202406116400010/अ -3/ वर्ष 2022-23 के अनुसार कई खसरों का संवीलीकरण किया गया, किंतु 9/11 को जानबूझकर शामिल नहीं किया गया जबकि इस खसरे से कई रजिस्ट्रियाँ बजरंग डील मार्क द्वारा कराई गई हैं।
आवासीय कालोनी में प्लाटिंग कर ग्राहकों को प्लाट बिक्री करने के साथ ही कालोनाइजर ने विभिन्न अनियमित्ताओ को अंजाम देने के साथ ही शासकीय भूमि का भी अतिक्रमण कर इसका उपयोग कालोनी में गार्डन व शादी लान बनाने में किया है वही विवादित जमीनों पर भी प्लाटिंग कर शासन को राजस्व की क्षति भी पहुचाई है इस मामले में रेरा व नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के अधिकारियो की भूमिका भी संदिग्घ है जिसकी जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हो सकते है|