बस्तर दशहरा में आ सकते हैं गृहमंत्री अमित शाह, सांसद महेश कश्यप ने दिया विशेष निमंत्रण

रायपुर : बस्तर दशहरा सदियों पुरानी आस्था और परंपरा का प्रतीक है. इस बार यह पर्व और भी खास हो सकता है, क्योंकि मुरिया दरबार की ऐतिहासिक प्रथा में देश के गृहमंत्री अमित शाह शामिल हो सकते हैं. बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिए मार्च 2026 की तय समयसीमा के बीच गृहमंत्री की यह उपस्थिति सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और विकास से जुड़े बड़े संदेश के तौर पर भी देखी जा रही है.

बस्तर सांसद ने दिया विशेष निमंत्रण

बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप ने अमित शाह को विशेष निमंत्रण दिया है. उन्होंने बताया कि जिस तरह रियासत काल में राजा मुरिया दरबार में बैठकर मांझी चालाकी की समस्याएं सुनते थे, उसी परंपरा को अब लोकतांत्रिक तरीके से शासन-प्रशासन आगे बढ़ा रहा है. इस वर्ष मुरिया दरबार में गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक भी मौजूद रहेंगे. खास बात यह भी है कि बस्तर दशहरा समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रण भेजा है.

ऐसे में गृहमंत्री अमित शाह यदि दशहरा में शामिल होकर मांझी चालाकी की समस्याओं को सुनते और उनके निराकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो यह आयोजन ऐतिहासिक बन सकता है. नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की घड़ी में बस्तर दशहरा का यह मुरिया दरबार केवल परंपरा का निर्वहन नहीं, बल्कि विश्वास और बदलाव का प्रतीक भी बनकर सामने आने वाला है.

75 दिनों तक चलता है बस्तर दशहरा

बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ के सबसे त्योहारों में से एक है. ये दुनिया के सबसे लंबे चलने वाले त्योहारों में से एक है, ये 75 दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत 13वीं शताब्दी में राजा पुरुषोत्तम देव के शासनकाल में हुई थी. दंतेवाड़ा में स्थित शक्तिपीठ देवी दंतेश्वरी मंदिर के केंद्र यह त्योहार मनाया जाता है. इसमें मां दंतेश्वरी और स्थानीय देवी-देवताओं का मिलन होता है. इस दौरान एक भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसे पाट जात्रा कहा जाता है.

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