मोहन सरकार का ऐतिहासिक फैसला : वनकर्मियों को रिटायरमेंट पर मिलेंगे 10 लाख, नए निमम से कर्मचारी संगठनों में खुशी

भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने कर्मचारी हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। वन विभाग ने गुरुवार (6 फरवरी) को आदेश जारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति अथवा असमय मृत्यु पर 10 लाख तक ग्रेच्युटी लाभ दिए जाने की व्यवस्था लागू की है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वह लंबे समय से ग्रेच्युटी लाभ की मांग कर रहे थे।

केंद्र सरकार ने 2010 में नया ग्रेच्युटी अधिनियम बनाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों व उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम में ग्रेच्युटी की गणना कर्मचारी के अंतिम वेतन और सेवा वर्षों के आधार पर की जाती है।

कर्मचारी मंच ने जताई खुशी 

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडेय ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। बताया कि 1972 के ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत स्थायी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को केवल 3.5 लाख मिलते थे, लेकिन अब उन्हें 10 लाख तक ग्रेच्युटी मिलेगी। उम्मीद है कि अन्य विभाग भी यह नियम लागू किया करेंगे। हमारा संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहा था।

वन विभाग का क्या है नया नियम

यह योजना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी।

स्थायी और दैनिक वेतन दोनों श्रेणियों के कर्मचारी इसके पात्र होंगे।

ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 10 लाख निर्धारित की गई है, जो पहले के मुकाबले काफी अधिक है।

सेवा अवधि और वेतन के आधार पर गणना की जाएगी।

ग्रेच्युटी क्या है? 

ग्रेच्युटी एक तरह का बोनस है। किसी संस्थान में कम से कम 10 वर्ष की सेवा के बाद ही कर्मचारी को इसका लाभ मिलता है। कर्मचारी के रिटायरमेंट अथवा उसकी मृत्यु पर परिवार के भरण पोषण में इससे मदद मिलती है। कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा भी मिलती है।

क्यों जरूरी है यह फैसला?

वन विभाग के इस नए नियम का उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा देना है। बताया कि यह राहत राशि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button