अंबानी परिवार के हाथ से निकली एक और कंपनी, रिलायंस कैपिटल का हिंदुजा ग्रुप को मिला मालिकाना हक़

नई दिल्ली : देश के प्रमुख कारोबारी घराने अंबानी परिवार के हाथ से एक और कंपनी निकल गई। हिंदुजा ग्रुप ने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए बीमा सेक्टर के नियामक IRDAI से मंजूरी हासिल कर ली है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत रिलायंस कैपिटल इंश्योरेंस कंपनी को इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) और उसकी भारतीय सहयोगी कंपनियां खरीदने की अनुमति दे दी है। बता दें कि रिलायंस कैपिटल का मालिकाना हक एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी के पास है। यह कंपनी फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 सर्विसेस देती थी।

27 मई से पहले पूरी होगी अधिग्रहण प्रक्रिया 
इस बदलाव को लेकर कहा जा रहा है कि हिंदुजा ग्रुप बीमा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की इच्छा रखता है। रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण से बीमा सेक्टर के विकास में भी नई संवेदनशीलता देखने को मिल सकती है। मॉरीशस स्थित आईआईएचएल कंपनी के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि यह ट्रांजैक्शन राष्ट्रीय कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की ओर से तय तारीख (27 मई) से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए बीमा नियामक इरडा से हरी झंडी मिल चुकी है।

इंश्योरेंस सेक्टर को नई दिशा मिलने का संकेत

रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के जरिए हिंदुजा ग्रुप को बीमा क्षेत्र में अपनी एंट्री और विकास की काफी उम्मीद हैं। इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश से भी सपोर्ट मिलेगा, जो 74 फीसदी की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा को पूरा करने में मददगार साबित हो सकता है।

अब हिंदुजा ग्रुप के कंसोर्टियम में अशोक हिंदुजा, हर्ष हिंदुजा और शोम हिंदुजा की बड़ी हिस्सेदारी है। यह अधिग्रहण भारतीय बीमा सेक्टर को नई दिशा मिलने का बड़ा संकेत देता है। साथ ही यह बीमा क्षेत्र के लिए एक नया दिन हो सकता है, जिसमें नए निवेशकों को आत्मविश्वास मिलेगा और उन्हें ज्यादा ग्रोथ के मौके मिलेंगे।

रिलायंस कैपिटल बोर्ड को RBI ने किया था भंग

जुलाई 2023 में IIHL ने रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए 9,861 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इस बोली को क्रेडिटर्स (लेनदारों) से भी भरपूर 99 फीसदी समर्थन मिला था।

नवंबर 2021 में रिजर्व बैंक ने रिलायंस कैपिटल में पेमेंट डिफॉल्ट और गवर्नेंस इश्यू के कारण कंपनी बोर्ड को खत्म कर और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को हटा दिया था। कंपनी ट्रिब्यूनल ने भी 2019 में कर्ज में डूबे फाइनेंसरों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन मांगा था।

क्या करती थी रिलायंस कैपिटल?
बता दें कि रिलायंस कैपिटल अपने ग्राहकों को फाइनेंस से जुड़ी करीब 20 तरह की सर्विसेस प्रदान करती थी। इनमें लाइफ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी सर्विसेज प्रमुख हैं। साथ ही यह कंपनी होम लोन, कमर्शियल लोन, इक्विटी और कमोडिटी ब्रोकिंग जैसे सेक्टर में भी सेवाएं मुहैया कराती थी।

2018 से खस्ता थी रिलायंस कैपिटल की हालत 

उल्लेखनीय है कि रिलायंस कैपिटल की हालत बहुत खराब है। कंपनी ने दिसंबर 2018 के बाद अपना फाइनेंशियल रिजल्ट तक जारी नहीं किया। 2018 में कंपनी का रेवेन्यू 568 करोड़ रुपए और नेट प्रॉफिट 89 करोड़ रुपए था। रिलायंस कैपिटल में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 1.51 फीसदी और जनता के पास 97.85 फीसदी हिस्सेदारी थी।

कंपनी के प्रमोटर्स में अनिल अंबानी के पास 11.06 लाख शेयर, टीना अंबानी के पास 2.63 लाख शेयर, जय अनमोल अंबानी के पास 1.78 लाख शेयर और जय अंशुल के पास 1.78 लाख शेयर थे। कोकिलाबेन अंबानी के पास 5.45 लाख शेयर थे। अनमोल और अंशुल अनिल अंबानी के पुत्र हैं।

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