रायपुर : छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर को पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इसी बीच हाईकोर्ट ने राज्यपाल को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट की जस्टिस रजनी दुबे ने राज्यपाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, आरक्षण के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता व एडवोकेट के साथ ही राज्य सरकार ने भी याचिका दायर की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। शासन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने तर्क दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सीधे तौर पर विधेयक को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। मामले में जवाब के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
बता दें कि राज्य सरकार ने दो महीने पहले विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य में विभिन्न वर्गों के आरक्षण को बढ़ा दिया था। इस विधेयक को राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया था। राज्यपाल अनुसूईया उइके ने इसे स्वीकृत करने से फिलहाल इनकार कर दिया है और अपने पास ही रखा है। राज्यपाल के विधेयक स्वीकृत नहीं करने को लेकर एडवोकेट हिमांक सलूजा ने और राज्य शासन ने याचिका लगाई थी।