बिलासपुर। स्कूलों के सामने नशे की सामग्री बिकने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताई है। मामले की गंभीरता इसी बात से पता चलती है कि इसकी सुनवाई के लिए शुक्रवार को अवकाश के दिन हाईकोर्ट खुला। चीफ जस्टिस ने मीडिया में प्रकाशित खबर को संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड कराने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया। जनहित याचिका में राज्य शासन, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर व एसपी बिलासपुर सहित अलग-अलग आधा दर्जन विभाग के आला अफसरों को प्रमुख पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया गया है।
बिलासपुर शहर में संचालित सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के सामने बिक रहे नशे के सामान को लेकर मीडिया में खबरों का प्रकाशन किया गया था। इसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि स्कूलों के सामने ठेलों में तंबाकू, गुटखा, सहित नशे के सामान की धड़ल्ले के साथ बिक्री की जा रही है। जिला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे स्कूल के आसपास का माहौल खराब हो रहा है। स्कूली बच्चों के ऊपर इसका बुरा असर पड़ रहा है। ठेलों में गुटखा, तंबाकू लेने वालों की पूरे समय भीड़ लगी रहती है। कभी भी किसी भी समय अप्रिय स्थिति बन सकती है।
कानून व्यवस्था पर भी सवाल
हाईकोर्ट ने माना है कि, इससे कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़ा हो सकता है। कानून व्यवस्था से लेकर स्कूलों के सामने बिक रहे नशे के सामान और बच्चों पर पड़ने वाले कुप्रभाव को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लिया है। शुक्रवार को अवकाश होने के बाद भी हाई कोर्ट खुला।