हाई कोर्ट ने राज्य शासन से पूछा, बिना टेंडर गांवों में कैसे लग गया सोलर स्ट्रीट लाइट, 18 करोड़ के वारा-न्यारा के लिए कौन है जिम्मेदार

बिलासपुर। बस्तर के सुकमा और आसपास के 190 गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट फर्जीवाड़े को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने हैरानी के साथ ही नाराजगी जताई और पूछा कि क्या कोई अफसर इतने बड़े सिस्टम की हिमाकत कर सकता है। नियमों से परे जाकर ऐसा क्यों किया गया। संबंधित विभाग के पत्र और आपत्ति के बाद भी सोलर स्ट्रीट लाइट किसके कहने और अनुमति से लगाई गई है। डिवीजन बेंच ने उर्जा सचिव को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

डीएमएफ फंड का दुरुपयोग और गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाते समय क्रेडा से अनुमति ना लेने की बात पर डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई है। क्रेडा की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने डिवीजन बेंच को बताया कि जब गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम किया जा रहा था, उस वक्त विभाग ने संबंधित विभाग को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इस बात को लेकर भी विरोध दर्ज कराया था कि बगैर टेंडर यह काम क्यों किया जा रहा है। नियमों और मापदंडों के अनुरुप काम करने की बात भी कही गई थी। विभाग की आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया गया।

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