भोपाल। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के बदले में सीबीआई अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। इस मामले में एक व्यापक कोड शब्द प्रणाली का खुलासा हुआ है। रिश्वत लेने के मामले में अधिकारी कोड वर्ड यूज करते थे। इन कोड वर्ड में ‘अचार’, ‘माता का प्रसाद’, और ‘गुलकंद’ जैसे खाद्य पदार्थ शामिल थे। ये कोड शब्द रिश्वत के लेन-देन को छिपाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। सीबीआई ने अपने ही अधिकारियों की जांच के दौरान इन कोड शब्दों का खुलासा किया।
सीबीआई को मिला था जांच का आदेश
यह रिश्वतखोरी तब सामने आई जब 2022 में अधिवक्ता विशाल बघेल ने एक जनहित याचिका दायर की। याचिका में आरोप लगाया गया था कि 2020-2021 में राज्य में कई नर्सिंग कॉलेजों को बिना आवश्यक बुनियादी ढांचे के मान्यता दी गई थी। इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को आदेश मिला।
सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेज को दे दी क्लीन चिट
इस साल फरवरी में, सीबीआई ने राज्य के 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि, 18 मई को सीबीआई ने 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इनमें सीबीआई के चार अधिकारी और कई जिलों के नर्सिंग कॉलेजों के अधिकारी शामिल थे। एफआईआर में आरोप है कि ये व्यक्ति अयोग्य कॉलेजों को ओके रिपोर्ट देने के लिए रिश्वत का लेन-देन कर रहे थे।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष दायर किया आरोप पत्र
15 जुलाई को, सीबीआई ने पूर्व इंस्पेक्टर राहुल राज, मध्य प्रदेश पुलिस अधिकारी सुशील कुमार मजोका और नर्सिंग कॉलेजों के निदेशकों सहित 14 व्यक्तियों के खिलाफ विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
रिश्वत के लेन-देन के तरीके
सीबीआई का आरोप है कि राहुल राज को 10 लाख रुपये की अवैध रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। आरोप पत्र के अनुसार, आरोपियों ने कॉलेज अधिकारियों के साथ सीबीआई टीम द्वारा निरीक्षण की अनुसूची साझा करने के बदले में रिश्वत ली। इसके बाद, नर्सिंग कॉलेजों के मालिक या कर्मचारी निरीक्षण से पहले या निरीक्षण की तारीख को आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था कर लेते थे।
कोड वर्ड का यूज
सीबीआई ने आरोप पत्र में कहा है कि राज और उनके साथियों ने रिश्वत की राशि और निरीक्षण रिपोर्ट के लिए कोड शब्दों का इस्तेमाल किया। उदाहरण के लिए, ‘अचार’ एक कोड नेम था, जिसका इस्तेमाल बड़ी राशि की रिश्वत के लिए किया गया। इसी तरह ‘गुलकंद’, ‘माता का प्रसाद’ जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल इन रिश्वतखोर अधिकारियों ने किया।
कब हुआ रिश्वत का लेन-देन
10 मई को, सीबीआई ने एक कोड संदेश का आदान-प्रदान पकड़ा, जिसमें रिश्वत की रकम को सोने की छड़ों में बदलने के बारे में चर्चा की जा रही थी। इसी प्रकार, 12 मई को, छह नर्सिंग कॉलेजों के मालिकों ने एक कर्मचारी को 9 लाख रुपये देने का निर्देश दिया। इसे ‘9 डिब्बा अचार’ कहा गया। यह राशि बाद में जयपुर ट्रांसफर की गई।
छापेमारी और गिरफ्तारी
18 मई को सीबीआई ने भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की। सीबीआई को सूचना मिली थी कि राज को 10 लाख रुपये दिए जाने वाले हैं। सीबीआई टीम ने राज के घर का दरवाजा खटखटाया और पाया कि नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन और उनकी पत्नी वहां मौजूद थे। आरोप है कि वे रिश्वत देने के लिए आए थे। सीबीआई टीम ने पाया कि चेयरमैन और पत्नी ने राज को रिश्वत की रकम देने के लिए बुलाया था, जिसे राज ने स्वीकार कर लिया और कुछ समय तक अपने पास रखा।