Site icon khabriram

CG में Gujrat फॉर्मूला: छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारने की तैयारी में भाजपा, ब्रह्मानंद जैसी स्थिति से बचने परखेंगे केस स्टेटस

छत्तीसगढ़ में भी गुजरात की तरह भाजपा सभी 90 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। छत्तीसगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश माथुर और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल ने भी यह संकेत दे दिए थे, लेकिन अब गुजरात चुनाव का रिजल्ट आने के बाद भाजपा ने यह चर्चा तेज हो गई है। फिलहाल सभी सांसद, विधायकों और पदाधिकारियों के लिए यह स्पष्ट निर्देश है कि वे एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम करते रहें। चुनाव के दौरान टिकट किसे देना है, या नहीं, यह पार्टी तय करेगी।

दरअसल, भाजपा ने गुजरात में ऐन चुनाव से सालभर पहले सीएम सहित पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया। भाजपा ने जब यह फैसला किया, तब राजनीतिक धुरंधर यह कयास लगा रहे थे। कि इस बार भाजपा के लिए गुजरात में जीतना आसान नहीं है। पूरे कैबिनेट में बदलाव के कारण भी यह बात आई कि भाजपा संगठन ही अंदरूनी तौर पर संतुष्ट नहीं है, इसलिए ‘करो या मरो’ की नीति के रूप में यह बदलाव किया है। खैर, सालभर बाद जो नतीजे आए हैं, वह राजनीतिक प्रेक्षक ही नहीं, पार्टी के रणनीतिकारों के लिए भी चौंकाने वाले हैं, क्योंकि वे इतनी बड़ी जीत के लिए आश्वस्त नहीं थे।

छत्तीसगढ़ की बात करें तो 15 साल की सरकार के बाद 2018 में भाजपा सिर्फ 15 सीटें जीत पाई। इसमें भी दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने हत्या कर दी और बाद में उनकी सीट भी हाथ से निकल गई तो भाजपा के पास अब सिर्फ 14 सीटें बाकी हैं। इनमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, वर्तमान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पुकूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, ननकीराम कंवर, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, शिवरतन शर्मा, सौरभ सिंह, डमरूधर पुजारी, रजनीश सिंह, रंजना साहू, विद्यारतन भसीन शामिल हैं।

Exit mobile version