गणेश पंडालो के लिए गाइडलाइन जारी : सीसीटीवी कैमरा होगा अनिवार्य, रात दस बजे तक ही बजेंगे लाउडस्पीकर

रायपुर। छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर में आगामी गणेश उत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। शहर में त्यौहार शांति, अनुशासन और सुरक्षित माहौल से संपन्न हो। इसके लिए प्रशासन ने समितियों को कई नियमों का पालन करने के आदेश दिए हैं।
जारी की गई गाइड लाइन कुछ इस प्रकार है-
सड़क पर पंडाल लगाने से पहले समिति को प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) पर पूरी तरह रोक रहेगा।
हर पंडाल में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य है।
समितियां स्वयंसेवक तैनात करेंगी और रात में विशेष निगरानी रखनी पड़ेगी।
एनजीटी के निर्देशों के तहत आदेश जारी
गणेश उत्सव की तैयारियों को लेकर एडिशनल कलेक्टर उमाशंकर बंदे और एडिशनल एसपी लखन पटले ने समितियों की साथ बैठक की है। उन्होंने सभी आयोजन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के तहत आदेश दिया है।
जानिए स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसे भगवन गणेश के जन्मोत्सव के रूप में 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा को अपने घर और पंडालों में विराजित कर विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। हिंद्र पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे शुरू होगी और 27 अगस्त को दोपहर 03:44 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश जी की स्थापना के लिए मध्याह्न काल सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि, भगवान गणेश का जन्म इसी समय हुआ था। 27 अगस्त 2025 को गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।
गणेश स्थापना और पूजा विधि
सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ कर फूलों, रंगोली और सजावटी सामान से सजाएं।
शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को वेदी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर स्थापित करें।
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर संकल्प लें।
“ऊँ ग॑ गणपतये नमः मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी का आह्वान करें।
प्रतिमा को पंचामृत से स्रान कराकर नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
गणेश जी को उनका प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
साथ ही दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर चढ़ाएं।
अंत में पूरे परिवार के साथ गणपति की आरती करें।