Site icon khabriram

जीएसटी विवाद : मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, रमन सिंह की नाकामी की वजह से हर साल 6 हजार करोड़ का नुकसान

रायपुर: प्रदेश में जीएसटी को लेकर फिर से विवाद उभर आया है,  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को निशाने पर लिया है। उन्होंने रमन सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने जबरदस्ती जीएसटी को स्वीकार कर लिया। इसकी वजह से प्रदेश को हर साल 6 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ट्रबल इंजन’ ने 2017 में केंद्र सरकार के दबाव में जीएसटी बिल पर ऐसी शर्तों के तहत स्वीकृति दे दी। जो पूरी तरह राज्य के हितों के विरुद्ध थी। उसका दुष्परिणाम है कि राज्य को 6000 करोड़ प्रतिवर्ष की क्षति हो रही है। रमन सरकार का यह अपराध क्षमायोग्य नहीं है, जनता कभी माफ नहीं करेगी।

रायपुर हेलीपैड पर प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, रमन सिंह की नाकामी के चलते हर साल छह हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। जबरदस्ती उन्होंने जीएसटी को स्वीकार कर लिया। 2022 के बाद से जो जीएसटी की क्षतिपूर्ति है वह हमें मिलना नहीं है। रमन सिंह को छत्तीसगढ की जनता से इसके लिए माफी मांगना चाहिए कि हमारा छह हजार करोड़ प्रति वर्ष का नुकसान हो रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हम उत्पादक राज्य हैं। उत्पादन करते हैं, लोहा करते हैं, स्टील करते हैं, सिमेंट का करते हैं। सारा उत्पादन तो हमारे छत्तीसगढ़ में हो रहा है। जो नीति बनी है भारत सरकार की उससे उत्पादक राज्यों का नुकसान होना है। इस नुकसान के लिए कोई जिम्मेदार है तो वह रमन सिंह और उसकी पूरी टीम है। इन आरोपों के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, जीएसटी  में नुकसान और घाटा में स्टेट का शेयर फिक्स है। वह पहले से बढ़ा ही है। 32% जो शेयर मिलना है वह मिलता रहता है। अगर ज्यादा कलेक्ट होगा तो ज्यादा मिलेगा, कम कलेक्ट होगा तो कम मिलेगा।

जीएसटी नीति के खिलाफ मुखर रहे हैं सीएम भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र सरकार की जीएसटी नीति के खिलाफ मुखर रहे हैं। वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंहदेव भी जीएसटी परिषद की हर बैठक में उत्पादक राज्यों का नुकसान गिनाया। पिछले साल स्पष्ट हो चुका था, केंद्र सरकार जून 2022 के बाद उत्पादक राज्याें को राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति नहीं देगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसे 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर साझा मोर्चा बनाने की पहल की। मांग उठाई गई कि केंद्र सरकार यह क्षतिपूर्ति अगले 10 साल तक जारी रखे।

राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता का दिया था हवाला

राज्यों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यों की वित्तीय स्वतंत्रता का भी हवाला दिया था। मुख्यमंत्री ने लिखा था, जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद टैक्स नीति पर राज्यों की स्वतंत्रता बहुत कम हो गई है। वाणिज्यिक टैक्स के अलावा राज्यों के पास टैक्स राजस्व की अन्य मदों में राजस्व बढ़ाने के लिए विकल्प नहीं बचे हैं। इसलिए अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव से उबरने के लिए और राज्यों को जीएसटी का यथोचित लाभ मिलने तक, राज्यों को केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले 5 के लिए जीएसटी की कमी के लिए क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखे।

Exit mobile version