सरकार की नीति लाई रंग: छत्तीसगढ़ में बढ़ा फोर्स का दबाव, 17 नक्सलियों ने किया सरेंडर

बीजापुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर सक्रिय 17 नक्सलियों ने भद्राद्री कोठागुडेम जिले की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। जानकारी के अनुसार, ये सभी नक्सली लंबे समय से माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे और बस्तर क्षेत्र में विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल थे।

मिली जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सक्रिय थे और बस्तर में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे सघन अभियान से दबाव में थे। इसी दबाव के चलते उन्होंने हथियार छोड़ने का फैसला किया।

सरकार की पुनर्वास नीति का असर

अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही पुनर्वास नीति और आत्मसमर्पण कार्यक्रम की अहम भूमिका रही है। इन योजनाओं के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा, रोजगार, और पुनर्वास की सुविधाएं दी जाती हैं।

पहले भी हो चुके हैं आत्मसमर्पण:

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सुकमा जिले के दो एरिया कमांडर समेत 14 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। इनमें से 13 नक्सली बीजापुर जिले से थे। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बस्तर और उसके आसपास के क्षेत्रों में फोर्स की सघन उपस्थिति और नीतिगत प्रयासों का असर दिखाई दे रहा है।

पुलिस का बयान:

भद्राद्री कोठागुडेम के पुलिस अधीक्षक ने बताया, सरकार की योजनाओं और लगातार चल रही कार्रवाई से नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर हो रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को सभी आवश्यक कानूनी सहायता और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। इस घटनाक्रम से साफ है कि नक्सली संगठनों पर सुरक्षा बलों का दबाव लगातार बढ़ रहा है और सरकार की नीतियां धीरे-धीरे असर दिखा रही हैं। उम्मीद है कि आगे और भी नक्सली मुख्यधारा से जुड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे।

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