बीजिंग : चीन का जब मन करता है, तब किसी भी देश को धमकी दे देता है। अब ड्रैगन ने जापान को धमकी दे डाली है। उसने कहा कि संबंधों को बिगाड़ने का काम न करें। हालांकि, जापान ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें, चीन के उप विदेश मंत्री सन वेइदॉन्ग ने ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन में चीन से संबंधित मुद्दों के बारे में दिए गए बयान पर विरोध दर्ज कराने के लिए जापानी राजदूत को तलब किया है। बता दें, इससे पहले चीनी दूतावास ने लंदन से कहा था कि वह चीन-ब्रिटेन संबंधों को नुकसान से बचाने के लिए चीन की बदनामी करना बंद करे।
गौरतलब है, जापान के हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था। इस दौरान दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों के प्रमुखों ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के साथ-साथ तिब्बत और झिंजियांग सहित चीन में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की थी।
जापान पर नियमों के उल्लघंन का लगाया आरोप
चीन के उप विदेश मंत्री का कहना है कि जापान ने जी 7 शिखर सम्मेलन में अन्य देशों के साथ मिलकर चीन को बदनाम करने की कोशिश की है। साथ ही उसने अन्य देशों की मदद से चीन पर हमला करने के साथ ही उसके आंतरिक मामलों में व्यापक रूप से हस्तक्षेप किया है। वहीं, 1972 के चीन-जापान संयुक्त वक्तव्य का जिक्र करते हुए सन ने कहा कि जापान ने जी7 के शिखर सम्मेलन के दौरान अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। जापान की कार्रवाइयां चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों के लिए हानिकारक हैं। इसलिए चीन जापान का विरोध करता है।
संबंधों को सुधारने पर दें ध्यान
उन्होंने कहा कि जापान को पहले चीन को लेकर अपनी समझ बढ़ानी चाहिए। रणनीतिक स्वायत्तता को समझना चाहिए। साथ ही चीन-जापान के बीच तय चार राजनीतिक दस्तावेजों के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। विरोध करने की बजाय उन्हें द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास को सही मायने में बढ़ावा देना चाहिए।
जापान ने किया पलटवार
रिपोर्ट के अनुसार, जापान के राजदूत हिदेओ तरुमी ने चीन के विरोध का खंडन किया। उन्होंने कहा कि जी-7 में सामान्य मुद्दों पर बात करना स्वाभाविक है। वह पहले से ऐसा करते आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर चीन अपने स्वभाव में बदलाव नहीं करेगा तो हम भविष्य में भी इस तरह के मुद्दों पर चर्चा करते रहेंगे। तरुमी ने आगे कहा कि चीन अगर चाहता है कि बात नहीं की जाए तो उसे इन मुद्दों को सुलझाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने सोमवार सुबह ब्रीफिंग के दौरान कहा कि चीन के प्रति देश की नीति सुसंगत रही है। वह उन मामलों पर जोर देगा जो आवश्यक हैं।