67 की उम्र में रचा इतिहास: मनेन्द्रगढ़ की कमला देवी ने दुबई में जीते तीन गोल्ड मेडल, अब तक जीत चुकीं 100 से ज्यादा पदक

मनेंद्रगढ़। “उम्र सिर्फ एक संख्या है” – इस कहावत को मनेन्द्रगढ़ की कमला देवी मंगतानी ने अपने संघर्ष और उपलब्धियों से सच साबित कर दिखाया है। 67 वर्ष की उम्र में जहां अधिकतर लोग अपने शरीर की सीमाओं को स्वीकार कर लेते हैं, वहीं कमला देवी ने अनुशासन, आत्मबल और अटूट संकल्प के दम पर न केवल खुद को स्वस्थ और सक्रिय रखा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर भारत का नाम रोशन किया है।
हाल ही में दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में उन्होंने तीन स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। यह प्रतियोगिता 22 से 28 अप्रैल 2025 तक दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के सानिध्य में संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें दुनिया भर के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए यह शानदार उपलब्धि हासिल की।
कभी चलने में थी असमर्थ, आज हैं वेटलिफ्टिंग चैंपियन
कमला देवी बीते 30 वर्षों से डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं। एक समय ऐसा भी था जब डॉक्टरों ने इलाज में हार मान ली थी और चलने-फिरने में असमर्थता के चलते उन्हें बैसाखी थमा दी गई थी। लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय हौसले की बैसाखी थामी और धीरे-धीरे खुद को फिर से खड़ा किया।
जिम में रोजाना अभ्यास, 100 से ज्यादा मेडल्स
कमला देवी ने खुद को इतना मजबूत बनाया कि उन्होंने स्थानीय जिम जाना शुरू किया। पिछले पांच वर्षों से वे नियमित रूप से जिम में वेटलिफ्टिंग का अभ्यास कर रही हैं। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने राष्ट्रीय, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया। आज उनके नाम 100 से अधिक गोल्ड मेडल्स दर्ज हैं।
छत्तीसगढ़ और भारत के लिए प्रेरणा
कमला देवी मंगतानी की यह सफलता सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ और खासकर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले के लिए गर्व की बात है। वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं जो उम्र, बीमारी या हालात के कारण हार मान बैठते हैं।