नई दिल्ली। भारतीय विद्या भवन दिल्ली सेंटर और इंफोसिस फाउंडेशन संयुक्त रूप से लोक कला और संगीत समारोह का आयोजन करेंगे। भारतीय विद्या भवन का मुंशी स्मृति सभागार 4 फरवरी से 10 फरवरी तक पूरे 7 दिनों तक देश के विभिन्न लोकगीतों, संगीत और नृत्यों से गुंजायमान रहेगा।
विद्या भवन के निर्देशक अशोक प्रधान ने कहा कि संगीत समारोह का आयोजन भारतीय पारंपरिक शास्त्रीय संगीत, नृत्य और कला को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस 7 दिवसीय कार्यक्रम में लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों के लोक संगीत, नृत्य और कला से जुड़ने का मौका मिलेगा। इस महोत्सव के तहत भारतीय कला संस्कृति से जुड़ी प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाएगा।
अशोक प्रधान ने कहा कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों को भारत की प्राचीन गौरवशाली विरासत से परिचित कराना है।
शनिवार 4 फरवरी को कार्यक्रम की शुरुआत क्षितिजा माथुर के हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और फौजिया के दास्तानगोई के साथ होगी। अगले दिन, 5 फरवरी, रविवार की शाम सुल्तान नियाज़ी के सितार से निकलने वाली मधुर धुनों से गूंज उठेगी। सितार की धुन के बाद बरसेंगे बृज के गुलाल। इसका मतलब है कि लोग बृज की होली का लुत्फ उठा सकते हैं। बृज दर्शन लोक समूह बृजभूमि में आयोजित होने वाले विभिन्न होली कार्यक्रमों का प्रदर्शन करेगा।
सोमवार, 6 फरवरी की शाम को बच्चे कठपुतली कला का आनंद लेंगे। मोहम्मद शमीम ने फिंगर पपेट डांस कर बच्चों का मनोरंजन करेंगे। फिर आप गायक सुदीप बनर्जी की सुरीली आवाज से गजलों के रसधार में सराबोर होंगे।
हर दिन, आप आसपास के क्षेत्र में विभिन्न कलाओं को देख और अनुभव कर सकते हैं। इनमें कथक, समकालीन नृत्य, बांस सिम्फनी, इंदिरा नायक का वसंत गीत, अनवर खान लांगा का कालबेलिया नृत्य, पंजाबी संगीत आदि शामिल होंगे। ये कार्यक्रम शाम 3:30 बजे से शुरू होकर 7:30 बजे तक चलेगा।