पूर्व विश्व चैंपियन मानवजीत को एशियाई शूटिंग में खेलने से रोका, बंदूक को ठहराया गया था अयोग्य

नई दिल्ली : पूर्व विश्व चैंपियन 47 वर्षीय ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू को एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में रविवार को खेलने से रोक दिया गया। उनकी बंदूक को शनिवार को अयोग्य घोषित कर दिया गया था और उम्मीद थी कि उन्हें ओलंपिक क्वालिफाइंग मुख्य इवेंट में नहीं खेलने दिया जाएगा। यही हुआ, भारतीय प्रशिक्षकों की ओर से दायर किए गए प्रोटेस्ट के बावजूद बात नहीं बनीं। पहले भारत के प्रोटस्ट को खारिज किया गया। इसके बाद चीफ जूरी के समक्ष की अपील को भी रद्द कर दिया गया।

मानवजीत के साथ गलत व्यवहार हुआ

राष्ट्रीय राइफल महासंघ (एनआरएआई) ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में एक स्वर्ण समेत 10 पदक जीत चुके मानवजीत के साथ किए गए इस व्यवहार गलत बताया है। एनआरएआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कलिकेश सिंह देव ने कहा है कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय शूटिंग संघ (आईएसएसएफ) और एशियाई शूटिंग संघ के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मानवजीत को न्याय मिलेगा।

अयोग्य ठहराई गई बंदूक से खेला है ओलंपिक

मानवजीत ने टूर्नामेंट के तकनीक निदेशक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि वह 2016 के रियो ओलंपिक में भी इसी बंदूक से खेले। वह इस बंदूक से विश्वकप में पदक भी जीत चुके हैं। उन्होंने तकनीक निदेशक पर आरोप मढ़ा कि उन्हें ओलंपिक कोटा से वंचित करने के लिए ऐसा किया गया है। 1998 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने वाले मानवजीत ने 47 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय ट्रायल को जीतते हुए भारतीय टीम में जगह बनाई। वह ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने की कोशिश कर रहे थे।

योगेश सिंह ने स्टैंडर्ड पिस्टल का स्वर्ण जीता

एशियाई राइफल और पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप में भारतीय निशानेबाजों ने स्वर्ण पदक जीतने का सिलसिला रविवार को भी जारी रखा। 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल में योगेश सिंह ने 572 का स्कोर कर स्वर्ण जीता। उन्होंने अमित कुमार (565) और ओम प्रकाश (553) के साथ मिलकर टीम का स्वर्ण भी जीता। भारत ने इस चैंपियनशिप में 14 स्वर्ण, 10 रजत समेत कुल 32 पदक जीते। यह इस चैंपियनशिप में भारतीय शूटरों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

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