दुर्ग : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस में कुछ लोगों को ”स्लीपर सेल” बताया था। स्लीपर सेल वाले बयान के बाद उन्हें अब खासा विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव और एआईसीसी सदस्य अरुण सिसोदिया ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है। उन्होंने अपने वकील सौरभ चौबे के माध्यम से उन्हें नोटिस भेजा है और 15 दिन के भीतर उनसे जवाब मांगा है।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कहा था कि, कांग्रेस में कुछ लोग खराब नीयत से स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। वे पार्टी की बेहतरी नहीं चाहते हैं। उनका यह बयान उन कार्यकर्ताओं के लिए था, जो कि हाल ही में खुले मंचों पर बड़े नेताओं को निशाना साधते हुए अपनी बात रख चुके हैं। दरसअल, स्लीपर सेल आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वालों की भाषा है। आतंकवादी संगठन में स्लीपर सेल आम आदमी की तरह काम करते हैं।
पायलट की बात दिख रही बेअसर
प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने दो दिवसीय प्रदेश दौरे के बाद सभी वरिष्ठ नेताओं को कहा है कि पार्टी में चाहे छोटा हो या बड़ा, रूठे हैं तो उसे मनाया जाए। वरिष्ठ नेता उनके घर तक पहुंचे। एक तरफ पायलट का रूठे हुए को मनाने की बात तो दूसरी तरफ सांसद प्रत्याशी भूपेश बघेल के ‘स्लीपर सेल’ वाले बयान के बाद एक बार फिर वे कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैंं। दरअसल स्लीपर सेल आतंकवादी संगठनों के लिए काम करने वालों की भाषा है। आतंकवादी संगठन में स्लीपर सेल आम आदमी की तरह काम करते हैं। भाजपा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को स्लीपर सेल कहना उनकी सोच को प्रदर्शित करता है।
पीसीसी चीफ बैज को लिखा पत्र
अभी हाल ही में एआइसीसी सदस्य अरुण सिंह सिसोदिया के पार्टी प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है। जिसमें सिसोदिया ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा की मिलीभगत से पार्टी फंड के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था। पीसीसी अध्यक्ष को चिठ्ठी लिखकर सिसोदिया ने कहा था कि पार्टी फंड के 5.89 करोड़ रुपये विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी में गलत तरीके से लगाए गए हैं। इस मु्द्दे पर भूपेश बघेल विनोद वर्मा का बचाव करते दिखे थे।