पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तूता धरना स्थल पर जाकर शिक्षकों की मांग का किया समर्थन

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि नये साल के पहले दिन भाजपा सरकार ने युवाओं के ऊपर अत्याचार किया है। 2897 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया, सरकार इनकी बहाली बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही है। पूरे प्रदेश में साय सरकार अकेली ऐसी सरकार है जिसने 2897 नियमित कर्मचारियों को पदमुक्त कर दिया। आज तक देश का किसी भी राज्य सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अपने कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं किया है। यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकाल कर प्रक्रिया पूरी करने बाद नियुक्ति दिया था। अब अदालत के बाद गतिरोध आ रहा है तो सरकार इस मामले का समाधान निकाल डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिये अलग भर्ती निकाले तथा इन पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें।

इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था ऐसा नहीं है भाजपा सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 तथा 7 मार्च 2024 को हुई थी तथा इनकी नियुक्तियां हुई थी। अधिसंख्यक शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के है तथा दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ है। 2897 में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है। सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। बीएड सहायक शिक्षकों के समायोजन का कोई प्रयास भाजपा सरकार ने नहीं किया। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने समायोजन का प्रस्ताव मांगा लेकिन युवा विरोधी यह सरकार खामोश रही। जानबूझकर षड़यंत्रपूर्वक न्यायालय में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया, अब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करके कमेटी बनाने का ढोंग कर रहे है यह हजारों युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सरकार रोक कर रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।

सरकार पूरा धान नहीं खरीदना चाहती है

धान खरीदी में फैली अव्यवस्था पर चर्चा करते हुये पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती है। धान खरीदी केंद्रों पर जगह की कमी है, उठाव नहीं हो पा रहा, मिलरो से गतिरोध खत्म नहीं हो रही है। किसानों को भुगतान भी नहीं दिया जा रहा, एकमुश्त 3100 भुगतान का वादा की हवा निकल गई है। दूरस्थ क्षेत्रों में बारदानों की बहुत ज्यादा कमी है। सरकार पूरा धान नहीं खरीदना पड़े इसके लिये बहाना बना रही है। सरकार बताये कि केंद्र सरकार इस वर्ष सेंट्रल पुल में कितना चावल लेने वाली है, अभी तक आंकड़ा सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?

सरकार चुनाव में जाने से डर रही

नगर निगमों में प्रशासक नियुक्त किये जाने के सरकार के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव में जाने से डर रही है, इसीलिये पहले चुनाव की अवधि बढ़ाने की अधिसूचना लाये फिर विधेयक पारित कराया अब प्रशासन बैठा दिये। सरकार को मालूम है कि चुनाव होगा तो भाजपा का सूपड़ा साफ  हो जायेगा, इसीलिये चुनाव में जाने से डर रहे है। एक साल में ही साय सरकार अलोकप्रिय हो गयी। युवा, किसान, महिला, आदिवासी सभी सरकार से नाराज है। चारो तरफ भ्रष्टाचार हो रहा, कानून व्यवस्था बदहाल, आपराधिक घटनाएं बढ़ गयी है। महिला पुलिस अधिकारी भी सुरक्षित नहीं है।

भाजपा सरकार बनने के बाद धर्मांतरण बढ़ गया

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ गयी है। भाजपा धर्मांतरण को रोकना नहीं चाहती जो घर वापसी की बात कर रहे। बताये घर वापसी कराने वालो का कोई रिकार्ड उन्होंने रखा है, जिनकी घर वापसी के दावा कर रहे है। उनको वापस लाने के बाद कौन सी जाति में शामिल कराया गया, इसके बारे में बताये।

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