एक्शन में वन-विभाग : हिरण का शिकार करने वाले 4 शिकारियो को गिरफ्तार कर भेजा जेल

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में वन विभाग द्वारा क्षेत्र में गश्ती दल, गुप्तचर तंत्र द्वारा निगरानी की जा रही है। इसके अतिरिक्त संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी है। वन विभाग अधिकारी ने बताया कि वन्यप्राणियों के अवैध शिकार जैसी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह से 5 दिन पूर्व कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में शिकारियों द्वारा तीन से एक हिरण को मारा और उद्यान विभाग ने मृत हिरण का अंतिम संस्कार किया। इस मामले में अब तक तीरथगढ़ पटेलपारा निवासी 4 शिकारियों को उद्यान के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की टीम ने धर दबोचा और प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां चारों शिकारियों को जेल भेज दिया गया।
बताया जा रहा है कि वन विभाग द्वारा इस घटना को गंभीर अपराध मानते हुए तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के वरिष्ठ अधिकारी एवं फील्ड स्टाफ मौके पर पहुंचे तथा विधिवत पंचनामा कार्यवाही की गई। इस संबंध में प्रकरण दर्ज कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की सुसंगत धाराओं के तहत अज्ञात शिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की गई। वन विभाग द्वारा मामले की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने तीरथगढ़, पैदावाड़ा, दरभा एवं कोटमसर गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में सूचनाएं एकत्रित कीं। जांच के दौरान मुखबिरों की सूचना पर तीरथगढ़ के पटेलपारा से 4 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने हिरण के अवैध शिकार की बात स्वीकार की, जिसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से चारों को जेल भेज दिया गया।
ग्रामीणों को वन्य प्राणियों को ना मारने के दिए निर्देश
‘कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक संदीप बग्गा ने बताया कि, एसडीओ, रेंजर एवं मैदानी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिया कि वे गांवों में ग्रामीणों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि वन्य प्राणियों को मारे नहीं बल्कि सूचना दें, जिससे बचाया जा सकें।