सनातन धर्म में सफला एकादशी के व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है। ऐसा करने से विशेष कार्यों में सफलता मिलती है। पौष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल की पहली एकादशी 7 जनवरी को पड़ रही है। सफला एकादशी का व्रत करने से साधक के अधूरे काम पूरे हो जाते हैं। इस दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। वरना भगवान विष्णु क्रोधित हो जाते हैं और आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सफला एकादशी पर इन नियमों का करें पालन
एकादशी की तिथि पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन चावल खाने से व्यक्ति को अगला जन्म सरीसृप के रूप में प्राप्त होता है।
एकादशी के दिन किसी को भी अपशब्द न करें और ना ही किसी का अपमान करें। वरना आपका व्रत और पूजा अधूरे रह जाएंगे।
एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से साधक पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा खत्म हो जाती है।
सफला एकादशी के दिन पूजा स्थल को साफ रखें। पूजा स्थल के आसपास गंदगी होने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है और नकारात्मक ऊर्जा आती है।
सफला एकादशी के दिन साबुन और तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन मन में बुरे विचार नहीं रखने चाहिए और न ही किसी के बारे में बुरा बोलना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और भजन-कीर्तन में ध्यान लगाना चाहिए।