पूर्व प्रबंध निदेशक ग्रोवर उनकी पत्नी और जैन परिवार के खिलाफ FIR, 81 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का आरोप

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 10 मई (बुधवार) को भारतपे (BharatPe) के पूर्व प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी के अलावा दीपक गुप्ता, सुरेश जैन और श्वेतांक जैन सहित परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज की गई है।

इसमें शामिल पक्षों के खिलाफ गंभीर संज्ञेय आपराधिक अपराधों की आठ धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें 409 (लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी, या एजेंट द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना),  467 (बहुमूल्य सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी), 120B (आपराधिक साजिश) और अन्य धाराएं शामिल हैं।

एक सूत्र ने बताया कि एफआईआर में कहा गया है कि ईओडब्ल्यू को शिकायत प्राप्त हुई और कथित व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की गई। शिकायत और अब तक की गई जांच में धारा 406/408/409/420/467/468/471/120बी आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) के तहत प्रथम दृष्टया में दंडनीय अपराध का मामला बनता है।

पिछले साल मार्च में ग्रोवर को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था

पिछले छह महीनों के दौरान ग्रोवर का नाम पांच मुकदमों में शामिल रहा है। जनवरी 2022 में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आने के बाद वह BharatPe के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। ग्रोवर को पिछले साल मार्च में कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था। दिसंबर 2022 में दिल्ली स्थित फिनटेक यूनिकॉर्न ने ग्रोवर और उनके परिवार के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें 81.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, विश्वास का आपराधिक उल्लंघन, साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया था।
उसी महीने, BharatPe ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक दीवानी मुकदमा भी दायर किया था, जिसमें ग्रोवर और उनके परिवार से विभिन्न मदों में हुए नुकसान को लेकर 88.67 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की मांग की थी।

BharatPe ने सिंगापुर में मध्यस्थता का दावा दायर किया था ताकि ग्रोवर को आवंटित प्रतिबंधित शेयरों (1.4 फीसदी) को वापस लिया जा सके और उन्हें कंपनी के संस्थापक के शीर्षक का उपयोग करने से रोका जा सके। इस साल जनवरी में कोलाडिया ने दिसंबर 2018 में ट्रांसफर किए गए शेयरों को वापस लेने के लिए ग्रोवर पर मुकदमा दायर किया था।

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