बेटे की पिटाई से सदमे में आए पिता की मौत, लाश लेकर थाना पहुंचीं बेटियां
बालोद। बेटे प्रवीण चंदेल की पुलिस कस्टडी में की गई कथित पिटाई होने एवं बेटे के शरीर के चोट देख पिता किशोर सिंह चंदेल (65) को इतना सदमा लगा कि वह कोमा में चला गया। 25 दिन अस्पताल में इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई। गुस्साए परिजन व विधायक मृतक का शव लेकर थाना पहुंच गए एवं मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थाना के सामने बैठ गए।
मामला 15 सितंबर को अर्जुन्दा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर से कथित मारपीट का है। डॉक्टर की शिकायत पर अर्जुन्दा पुलिस ने प्रवीण चंदेल, सूर्यकांत शर्मा, सन्नीजीत तिवारी के खिलाफ कार्रवाई कर गिरफ्तार किया। मामले मे सत्यजीत तिवारी को जमानत मिल गई, वहीं दो अन्य आरोपी अभी भी जेल में हैं।
पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे
मृतक की बेटियों ने बताया हम चार बहनों में प्रवीण इकलौता भाई है, उसके जेल में रहने से हम पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि प्रवीण चंदेल से पुलिस कस्टडी मे रातभर मारपीट करने से शरीर पर पड़े निशान को देखकर पिता किशोर चंदेल को गहरा सदमा लगा और वे कोमा में चले गए। जिस प्रकार हमारे भाई को झूठे तरीके से आरोपी बनाकर मारपीट की गई, उससे हमारे पिता सदमे से बाहर नहीं आ सके और अस्पताल में 25 दिन तक इलाज के बाद 13 अक्टूबर की सुबह मौत हो गई। पिता किशोर चंदेल की मौत से उनकी बेटियों का आक्रोश फूट पड़ा वे पिता का शव लेकर सीधे थाना पहुंच गए और परिजन के साथ विधायक कुंवर सिंह निषाद व कांग्रेस कार्यकर्ता व मृतक के परिजन भी थाना पहुंचे।
कार्रवाई की मांग की है
विधायक कुंवर सिंह निषाद ने बताया कि, प्रवीण चंदेल अस्पताल प्रकरण में आरोपी युवक को डॉक्टर से मारपीट नहीं करने एवं डॉक्टर को बचाने का प्रयास कर रहा था, उसे ही आरोपी बना दिया गया, जो युवक सन्नीजीत तिवारी डॉक्टर से मारपीट कर रहा था, उसके खिलाफ कमजोर कार्रवाई की गई। हमारे पास घटना के वीडियो है, लेकिन पुलिस विभाग ने दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई की। हमने एएसआई, विवेचक एवं दो अन्य सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।