दुर्ग में मासूम के साथ दरिंदगी और हत्या: चाचा बना मुख्य आरोपी, मां ने बताया निर्दोष

दुर्ग। उरला इलाके में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर पुलिस ने बच्ची के चाचा को मुख्य आरोपी बनाया है, वहीं दूसरी ओर पीड़िता की मां ने आरोपी बनाए गए सोमेश यादव को निर्दोष बताया है। इस बयान के बाद पुलिस की जांच और कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए हैं।
न्याय की मांग पर अडिग परिवार, मुआवजे से किया इनकार
जिला कलेक्टर अभिजीत सिंह ने पीड़ित परिवार को ढाई लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया, जिसे परिवार ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उन्हें पैसे नहीं, न्याय चाहिए। उनका कहना है कि असली आरोपी को सजा मिले, यही उनके लिए न्याय होगा।
SP ने SIT का किया गठन
पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तंवर कर रही हैं। टीम के अन्य सदस्यों में महिला थाना, मोहन नगर और छावनी थाना के अधिकारी शामिल हैं। SIT का काम साक्ष्य इकट्ठा करने से लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द चार्जशीट दायर करना होगा।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
मामले में अपराध क्रमांक 133/25 के तहत बीएनएस की धारा 137(2), 103(1), 64(2)(एफ), 65(2), 66, 238(ए) और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत केस दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला
रविवार सुबह 6 साल की बच्ची अपनी दादी के घर कन्या भोज में गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। शाम को बच्ची की लाश एक कार की डिक्की से बरामद हुई, जो खून से लथपथ और गंभीर चोटों के साथ मिली। पोस्टमॉर्टम में बच्ची के साथ दरिंदगी की पुष्टि हुई।
भीड़ का गुस्सा, आगजनी और तोड़फोड़
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। गुस्साई भीड़ ने संदेह के आधार पर आरोपी के घर और कार को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 5 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से बाद में पूछताछ और सबूतों के आधार पर बच्ची के चाचा को मुख्य आरोपी बताया गया।
जांच के घेरे में पुलिस की कार्यप्रणाली
पीड़िता की मां के बयान ने केस में नया मोड़ लाते हुए पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं। अब सभी की निगाहें SIT की जांच और अदालत की कार्यवाही पर टिकी हैं, जिससे यह तय हो सके कि मासूम के साथ इंसाफ होगा या नहीं।