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CG में नकली कीटनाशक का कारोबार : किसानों को बांट रहे नकली दवा, एफएमसी कंपनी के AGM ने की शिकायत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों को नकली कीटनाशक थमाया जा रहा है। कुछ कीटनाशक दुकानदार कंपनी के मूल उत्पाद की जगह नकली यानी उसी नाम से निर्मित करवाकर उत्पाद को किसानों को बेचकर रहे हैं। यह शिकायत एफएमसी कंपनी के उप महाप्रबंधक राजीव कुमार दत्ता ने कृषि विभाग से की है।

कंपनी ने प्रदेश की 40 दुकानों की सूची भी दी है, जहां से नकली कीटनाशक किसानों को बांटा गया है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि उनके उत्पाद फरटेरा-4केजी के स्थान पर नकली उत्पाद बनाकर जिलों के डीलर के द्वारा बेचा जा रहा है। कंपनी ने इन दुकानों का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।

मामले में कृषि संचालनालय ने रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कवर्धा, खैरागढ़, राजनांदगांव, बिलासपुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा और बस्तर से सात दिन के भीतर जांच करके रिपोर्ट मांगी है। यह पहली दफा नहीं है जब प्रदेश में किसानों को नकली कीटनाशक थमाया गया हो। इसके पहले भी विभाग ने लगातार जांच में नकली कीटनाशक बेच रहे डीलरों को पकड़ा है।

जानकारों का कहना है कि प्रदेश में खाद, बीज व कीटनाशक की सैकड़ों दुकानें हैं, जो गांव-गांव खुल गई हैं। कीटनाशक विक्रेता बेरोकटोक किसानों को गुमराह कर अपना माल बेच रहे हैं। कंपनी ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में किसानों के फसल के उत्पादन में भारी गिरावट आएगी। जिससे किसानों का आर्थिक नुकसान भी होगा। और इससे परेशान होकर किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे।

छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के अपर संचालक एससी पदम ने कहा, प्रदेश के कुछ जिलों में मूल कंपनी के उत्पाद की जगह नकली कीटनाशक बेचने की शिकायत मिली है। इसके बाद इन दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने को जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री के नवीन शेष ने कहा, नकली कीटनाशक खेतों में डाला गया तो इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ेगा। किसान कर्ज लेकर खेती करता है, खेती चौपट होने से कर्जा कैसे चुकाएगा। इन परिस्थितियों में ही किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाता है। इसका पूरा दोष कृषि विभाग और शासन-प्रशासन का होगा। कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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