रायपुर: आबकारी मंत्री कवासी लखमा बस्तर प्रवास पर हैं जगदलपुर में उन्होंने मीडिया से बातचीत की। शराबबंदी पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यहां के लोग दारू पीने का स्टाइल नहीं जानते हैं। दारू पीने से इंसान नहीं मरता है। ज्यादा पिओगे तो दारू जान ले लेता है। उन्होंने कहा कि, शराब को दवा के रूप में पीना चाहिए। इससे इनसान मजबूत बनता है।
आबकारी मंत्री कवासी लखमा पिछले 2 दिनों से बस्तर के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में हैं। वे प्रियंका गांधी के बस्तर दौरे की तैयारियों में जुटे हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की। वे शराब पीने को गलत नहीं मानते। बल्कि, पीने के स्टाइल को गलत बताया है। लखमा ने उदाहरण देते हुए समझाया कि खेती करने वाले, भारी भरकम सामान उठाने वाले मजदूर काम करने के लिए दारू पीते हैं।
कवासी आगे बोले कि वे दारू नहीं पिएं तो उनसे काम नहीं हो पाएगा। लखमा ने भाजपानेताओं पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, नगरनार प्लांट, एनएम्डीसी खदान समेत अन्य फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों को दारू की जरूरत होती है। क्योंकि, दारू दर्द खत्म करता है। पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह और बृजमोहन अग्रवाल को इसका ऐहसास नहीं होगा। क्योंकि, उन्होंने कभी न तो बोरी उठाई है और न ही कोई भारी भरकम काम किया है। इसलिए कुछ भी कहते रहते हैं।
बस्तर के 90 प्रतिशत लोग पीते हैं शराब
कवासी लखमा का कहना है कि विदेशों में 100 प्रतिशत तो वहीं बस्तर में 90 प्रतिशत लोग शराब का सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि, बस्तर में दारू कभी बंद नहीं होगी। क्योंकि यहां की संस्कृति में हर एक कार्यक्रम में दारू का उपयोग होता है।