हर महीने कार्टन बॉक्स में भरकर करोड़ों की रकम पहुंचती थी राजीव भवन, 3 साल में 960 करोड़ हुए डिलीवर, ईडी की जांच में खुलासा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के 3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस मामले मे ईडी द्वारा पेश चार्जशीट में सामने आया है कि शराब घोटाला का पैसा कार्टन बॉक्स में भरकर हर महीने राजीव भवन (कांग्रेस ऑफिस) पहुंचाया जाता था. तीन साल में राजीव भवन में करीब 960 रुपए छोड़े गए हैं. यह रकम डिलीवर करने का काम कारोबारी अनवर ढेबर का मैनेजर दीपेन चावड़ा करता था.
हर कार्टन बॉक्स में 1 करोड़ रुपए
ईडी की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि कारोबारी अनवर ढेबर का मैनेजर दीपेन चावड़ा एक बार में 10 कार्टन बॉक्स कार से लेकर जाता था. हर एक बॉक्स में 1 करोड़ रुपए होते थे. इसका मतलब ये है कि वह एक बार में 10 करोड़ रुपए राजीव भवन मे पहुंचाता था. वह हर महीने 4 बार में 40 कार्टन बॉक्स लेकर जाता था और दीपेन ने तीन साल में इस तरह 960 करोड़ रुपए राजीव भवन में पहुंचाए.
राजीव भवन के कर्मचारी के पास छोड़ता था बॉक्स
कार्टन बॉक्स को लेकर यह भी खुलासा हुआ कि वह राजीव भवन कार्यालय के कर्मचारी देवेंद्र डड़सेना के पास कार्टन बॉक्स रख जाता था. यह सभी बॉक्स कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के नाम से छोड़े जाते थे.
चैतन्य बघेल के पास गए पैसे
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि शराब घोटाले की रकम में से 1000 करोड़ रुपए कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू और चैतन्य बघेल के पास भी गए हैं. वहीं, इस मामले में कारोबारी पप्पू बंसल ने कबूल किया है कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को चैतन्य के जरिए 90 करोड़ रुपए दिए गए. इस रकम के जरिए ही कुम्हारी में चैतन्य की कंपनी बघेल बिल्डकॉन 18 करोड़ की विट्ठल ग्रीन सिटी डेवलप कर रही है.
बता दें कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ का यह शराब घोटाला पूरी तरह सुनियोजित था. इसमें सरकार, संगठन, अधिकारी और कारोबारी सब शामिल थे. ईडी ने अब तक 23 लोगों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है, जिनमें से 2 की मौत हो चुकी है. वहीं, 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गृह मंत्री विजय शर्मा का बयान
ईडी द्वारा चार्जशीट में किए गए इस खुलासे को लेकर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा- ‘मैंने भी सुना है. इस विषय पर ईडी की जांच है. भयंकरतम शराब घोटाला हुआ है सब जानते हैं. इन कथाओं में सच्चाई है.’
वहीं, 5 साल के भ्रष्टाचार में सबसे ज्यादा आईएएस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार के दबाव के कारण अच्छे अधिकारी फंस के रह गए. बहुत से ऐसे अधिकारी हैं. पूरी व्यवस्थाओं को झोंका गया था. ऐसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी होगी.’