शराब घोटाले में ईओडब्लू की बड़ी कार्रवाई, तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास गिरफ्तार

रायपुर : छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ईओडब्लू ने बड़ी कार्रवाई की है. रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को गिरफ्तार किया गया है. निरंजन दास पर शराब सिंडिकेट को फायदा पहुंचाने का आरोप है. जांच एजेंसियों को ट्रांसफर और टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर के भी सबूत मिले हैं. आरोप है कि रिटायर्ड आईएएस ने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की काली कमाई की है.

निरंजन दास ने खड़ा किया था सिंडिकेट

ईओडब्लू की जांचे में बड़े खुलासे हुए हैं. जांच ये बात सामने आई है कि निरंजन दास ने अन्य अधिकारियों और कारोबीर अनवर ढेबर के साथ मिलकर सिंडिकेट खड़ा किया था. बताया जा रहा है कि सिंडिकेट से हर महीने 50 लाख रुपये मिलते थे. इस तरह अधिकारियों ने घाटाला करके 50 करोड़ रुपये की काली कमाई से संपत्ति अर्जित की हैं.

प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन तय किया गया

जांच में ये बात भी सामने आई है कि नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफिक सिक्योरिटी फिल्म्स को डेंडर दिलवाने के लिए निरंजन दास ने मदद की थी. कंपनी अयोग्य होने के बावजूद उसे काम दिया गया. हर एक होलोग्राम के लिए 8 पैसे का कमीशन तय किया गया था, इस तरह राज्य को 1200 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी यानी साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है. इसे लेकर ईओडब्लू ने चार्जशीट में जानकारी दी है कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोडों की जमीन और दौलत भी खरीदी है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक ईओडब्लू के मुताबिक इन्होंने पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी. लेकिन अब जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ से अधिक का है.

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