इनकाउन्टर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट कर रहे थे डीआरजी का नेतृत्व, पुलिस ने लाखो के ईनामी 29 नक्सलियों को मार गिराया

रायपुर। लक्ष्मण केवट, छत्तीसगढ़ पुलिस का ऐसा नाम जो नक्सलियों में दहशत पैदा करता है। जिस मुठभेड़ में लक्ष्मण है, उसमें नक्सलियों को भागना पड़ेगा या जान खोना पड़ेगा। एक बार फिर ये बात साबित हुई, क्योंकि कांकेर के मुठभेड़ में लक्ष्मण केवट शामिल थे और डीआरजी  टीम का नेतृत्व कर रहे थे। नतीजा छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सफलता पुलिस को मिली।

एक साथ 29 नक्सलियों को मार गिराया गया, इस मुठभेड़ में पुलिस के पास सूचना कैसे आई , कैसे बने रणनीति। जब जवान नक्सलियों को घेरने पहाड़ पर चढ़ना शुरू कर रहे थे, तभी गांव में क्यों पटाखे फूटने लगे। नक्सलियों की हर दांव कैसे विफल होते चले गई। चारों तरफ से घेर कर कैसे नक्सलियों को मार गिराया गया। ग्राउंड जीरो पर हुई हर घटना की आंखों देखी लक्ष्मण केवट ने विस्तार से बताया है| 6 बार के राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार जीतने वाले, इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट ने इस मुठभेड़ का जिक्र करते हुए सुरक्षा बल के जवानो की अदम्य साहस ही था जिसमे बड़े बड़े नक्सली लीडर को मार गिराया है

बता दें कि सुरक्षाबलों ने कांकेर के छोटे बैठिया के जंगल के माड़ क्षेत्र में बड़े नक्सल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 29 माओवादियों को ढेर कर दिया हैं। इस मुठभेड़ में बड़ा माओ नेता शंकर राव भी मारा गया हैं, जबकि कई दूसरे इनामी नक्सली भी पुलिस की गोलियों का शिकार हुए हैं। मुठभेड़ में तीन जवान भी घायल हुए हैं जिन्हे रायपुर के अस्पताल में दाखिल कराया गया हैं।

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