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“अल नीनो” ढाएगा कहर, प्रचंड गर्मी का अलर्ट, डब्लूएम्ओ की चेतावनी, पूरी दुनिया में मचेगा हाहाकार

लंदन : विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने चेतावनी दी है कि एक-दो माह में अल-नीनो के सक्रिय होने के साथ ही पूरी दुनिया में गर्मी बढ़ जाएगी। खासतौर पर भारत जैसे देशों में गर्मी प्रचंड रूप धारण कर लेगी। डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालस ने बताया कि दुनिया जल्द ही अल नीनो की स्थिति में जाने वाली है, इससे वैश्विक तापमान में तीव्र वृद्धि होगी।

तालस ने बताया कि बीते आठ वर्ष से जारी ट्रिपल डिप ला नीना अब खत्म होने वाला है, जिसकी वजह से बढ़ते वैश्विक तापमान पर एक अस्थायी ब्रेक लगा हुआ था। मौजूदा ला-नीना सितंबर 2020 से बना हुआ है।

2016 सबसे गर्म साल रहा

डब्ल्यूएमओ ने बताया कि इस साल मार्च से मई के दौरान अल-नीनो साउदर्न ऑस्किलशन (ईएनएसओ) की स्थिति बनेगी। इससे पहले 2016 में अल-नीनो की स्थिति बनी थी और यही अबतक का सबसे गर्म साल बना हुआ है। लेकिन, अब 2016 का रिकॉर्ड टूट सकता है। खासतौर पर जलवायु परिवर्तन की वजह से पहले ही वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है।

क्या है अल-नीनो और ला-नीना

अल-नीनो और ला-नीना प्राकृतिक परिघटनाएं हैं, जो कि वैश्विक जलवायु प्रणाली का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। प्रशांत महासागर और उसके ऊपर के वातावरण की सामान्य स्थिति में बदलाव आने पर यह परिघटनाएं घटित होती हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मध्य व पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर अल नीनो की स्थिति बनती है। जबकि, ला-निना में तेज व्यापारिक पवनें अमेरिका के पश्चिमी तट से गर्म पानी एशिया की तरफ धकेलती हैं, जिससे समुद्र के नीचे का ठंडा पानी सतह पर आने लगता है। इससे वैश्विक तापमान में कमी आती है।

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