भाजपा नेताओं के इशारे पर पड़ रहा ईडी का छापा, नान-चिटफंड में नहीं होती कार्रवाई : भूपेश बघेल

रायपुर| छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही  ईडी की रेड को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। ईडी की रेड के लिए मुख्यमंत्री ने बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा वर्ग नहीं बचा जहां छापा नहीं डाला गया हो। अगर कहीं ईडी की कार्रवाई नहीं होती तो केवल बीजेपी शासित राज्य हैं मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक। यहां ऐसा लगता है कि ईडी का दफ्तर ही नहीं है। महाराष्ट्र में जब तक उद्धव सरकार थी तब तक ईडी और सीबीआई जैसी सेंट्रल एजेंसियां सक्रिय थी और जैसे ही सरकार बदली खरीद-फरोख्त हुआ, उसके बाद से ईडी का वहां कोई काम नहीं रह गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के नेता और राष्ट्रीय नेताओं के इशारे पर ये सब किया जा रहा है। ईडी निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग के आधार पर अडानी जिनकी संपत्ति में 60% की कमी आई है, आखिर वहां जाकर ईडी क्यों छापे नहीं मारती। छत्तीसगढ़ में नान और चिटफंड में भी कार्रवाई नहीं करती। महादेव ऐप में कार्रवाई नहीं कर रहे है क्योंकि इसमें बीजेपी शासित राज्यों के नेताओं के भी नाम आ गए हैं।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर निशाना साधा

पहले महाराष्ट्र में सभी सरकारी एजेंसी खूब जाती थीं, लेकिन जैसे ही खरीद फरोख्त से ‘खोखे OK’ वाली सरकार बनी एजेंसियां महाराष्ट्र नहीं जा रही हैं। महादेव ऐप में भाजपा के लोगों का नाम आया तो अब कार्रवाई नहीं हो हो है।

भीमा मंडावी की हत्या के जांच रिपोर्ट पर बोले

भीमा मंडावी की हत्या के मामले में पेश की गई जांच रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनको अतिरिक्त सुरक्षा दी गई थी। चुनाव का आखिरी दिन था सब को वापस बुला लिया गया था। लेकिन वो अचानक निकल गए, तो प्रोटोकॉल का पालन कहां हुआ’। आपको बता दें कि भीमा मंडावी की हत्या के मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें ये कहा गया है कि भीमा मंडावी ने सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं किया था।

‘किसानों की डिमांड पर की गई घोषणा

धान खरीदी पर बीजेपी नेताओं के आरोपों पर बोले ‘किसानों की डिमांड पर घोषणा की गई है। भारतीय जनता पार्टी किसान विरोधी है और बीजेपी को जनता सबक सिखाएगी’। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज लखनऊ के लिए रवाना हुए हैं। 29 मार्च को वे राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में लखनऊ में प्रेस वार्ता लेंगे।

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