इन कारणों से गाय को सनातन धर्म में दिया जाता है महत्व

सनातन धर्म में अनेक परंपराएं है, गो-दान यानी गाय का दान करना भी उनमें से एक है। गाय को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र मानकर माता का स्थान दिया गया है। अनेक धर्म ग्रंथों में गाय के महत्व के बारे में बताया गया है। इसके दूध को अमृत कहा गया है, वहीं गौमूत्र और गोबर को भी परम पवित्र माना गया है।

गाय का महत्व

  1. नवग्रहों की शांति के संदर्भ में गाय की विशेष भूमिका होती है, कहा तो यह भी जाता है कि गोदान से ही सभी अरिष्ट कट जाते हैं। शनि की दशा, अंतर्दशा, और साढ़ेसाती के समय काली गाय का दान मनुष्य को कष्ट मुक्त कर देता है।
  2. मंगल के अरिष्ट होने पर लाल वर्ण की गाय की सेवा और निर्धन ब्राह्मण को गोदान मंगल के प्रभाव को क्षीण करता है।
  3. बुध ग्रह की अशुभता निवारण हेतु गाय को हरा चारा खिलाने से बुध की अशुभता नष्ट होती है।
  4. गाय की सेवा, पूजा, आराधना, आदि से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुखमय होने का वरदान भी देती हैं।
  5. गाय की सेवा मानसिक शांति प्रदान करती है।

गाय से संबंधित धार्मिक व्रत व उपवास

गोपद्म व्रत- सुख, सौभाग्य, संपत्ति, पुत्र, पौत्र, आदि के सुखों को देने वाला है।

गोवत्स द्वादशी व्रत- इस व्रत से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

गोवर्धन पूजा- इस लोक के समस्त सुखों में वृद्धि के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गोत्रि-रात्र व्रत- पुत्र प्राप्ति, सुख भोग, और गोलोक की प्राप्ति होती है।

गोपाष्टमी- सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है।

पयोव्रत- पुत्र की प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्तियों को संतान प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button