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इन गलतियों के कारण लगता है पितृदोष, जरूर करें ये उपाय

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हर साल 15 दिन का समय पितरों को समर्पित किया जाता है। इस समय को पितृ पक्ष कहा जाता है। पितृ पक्ष के इन 15 दिनों में पितर धरती लोक पर आते हैं। इस समय तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए दान, पुण्य, श्राद्ध पिंडदान करने के अलावा पितृ पक्ष का समय पितृ दोष से निजात पाने के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इस बात को जानना भी जरूरी है कि पितृ दोष लगने के पीछे क्या कारण होते हैं। इससे जीवन पर क्या असर होता है। साथ ही पितृ दोष से निजात पाने के क्या उपाय हैं।

पितृ पक्ष 2023

पितृ पक्ष की शुरुआत अश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और यह 15 दिन बाद अश्विन मास की अमावस्या तिथि पर समाप्त होते हैं। इसे सर्व पितृ अमावस्या या पितृ मोक्षम अमावस्या भी कहा जाता है। इस साल 29 सितंबर 2023 को पितृ पक्ष या श्राद्ध शुरू होंगे जो कि 14 अक्टूबर तक चलेंगे।

इस वजह से लगता है पितृ दोष

धर्म और ज्योतिष के कई कारण बताए गए हैं। साथ ही पितृ दोष लगना इसलिए भी अशुभ माना जाता है क्योंकि इसका असर पीढ़ियों तक रहता है। यह वंशवृद्धि, विवाह, तरक्की में बाधा डालता है। घर में झगड़े-कलह करवाता है।

अगर मृत्यु के बाद परिजन का विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए, तो परिवार को पितृ दोष लगता है। इसलिए हमेशा विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए।

जब किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाती है, तो उसका दोष पीढ़ियों तक रहता है। इसलिए परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने पर पितर शांति पूजा कर लेना चाहिए।

माता-पिता का अपमान करने या उनकी सेवा न करने से पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है। मृतक परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न किया जाए तो परिवार को पितृ दोष झेलना पड़ता है।

इसके अलावा पितरों का अपमान करना, किसी असहाय की हत्या, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ को कटवाना, जाने-अनजाने में नाग की हत्या करना या करवाना भी पितृ दोष का कारण बनता है।

पितृ दोष के मुक्ति के लिए उपाय

पितृ दोष से निजात पाने के लिए पितृ पक्ष में विधि-विधान से तर्पण और श्राद्ध करें। इस दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें।

पितृ पक्ष के 15 दिन में रोज शाम को घर में दक्षिण दिशा में तेल का दीपक लगाएं। इससे पितृ दोष खत्म होता है। इस उपाय को आप रोज कर सकते हैं।

जब भी आपको मौका मिले, तो जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें। गरीब कन्या के विवाद में मदद करें। इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं।

घर में दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाएं और रोज भगवान की पूजा करने के बाद पितरों से अपनी गलती के लिए क्षमा मांगे। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।

साल की हर एकादशी, चतुर्दशी और अमावस्या पर पितरों को जल अर्पित करने से पितृ दोष से राहत मिलती है।

पितृ दोष की शांति के लिए दोपहर में पीपल के पेड़ की पूजा करें। साथ ही पितरों को प्रसन्न करने के पीपल में गंगाजल में काले तिल, दूध, अक्षत और फूल अर्पित करें। ऐसा करने से पितृ दोष से राहत मिलती है।

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