ज्योतिष शास्त्र में शनि का बेहद महत्व है। शनि को न्याय का देवता कहते है। शनिवार का दिन कर्मफलजाता को समर्पित हैं। इस दिन सूर्य पुत्र को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल देता है। शनि के अशुभ प्रभाव से जातक को व्यापार में कठिनाई, नौकरी छूटना, काम में अड़चन, तरक्की में रुकावट, लोन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शनि दोष के लक्षण
अगर कुंडली में शनि अशुभ होने पर जातक विचारों में डूबा रहता है। ऐसे लोग खुद से बातचीत करते हैं। इच्छा होते हुए भी व्यक्ति शुभ काम में भाग नहीं लेता है। शनि के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति क्रोधित रहता है। महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आती है। बुद्धि नष्ट हो जाती है। घर में कलह और बीमारी बनी रहती है।
शनि दोष के कारण आंखें कमजोर हो जाती हैं। सिरदर्द और कम उम्र में बाल झड़ने लगते हैं। नकारात्मकता की ओर बढ़ना, चोरी, धोखाधड़ी, आलस्य जैसे आदते शनि दोष के लक्षण हैं।
शनि दोष दूर करने के आसान उपाय
शनि दोष को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। शनिवार का व्रत रखना, भगवान हनुमान की पूजा, शनि मंत्र और दान प्रमुख उपाय है। शनि कर्म भाव के स्वामी है। शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अच्छे कर्म करना चाहिए।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए जरूरतमंदों की मदद करें। कुत्ते और कौवे की सेवा करने से शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है।
शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। दूध में पानी और शक्कर मिलाकर बरगद के पेड़ पर चढ़ाएं।